अफगानिस्तान पर सख़्त हुआ अमेरिका, जो बाइडन ने छीना गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से उसके प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा छीन लिया है। अमेरिका ने पिछले साल ही अपने सभी सैनिकों को अफगानिस्तान से वापिस बुला लिया था।
अफगानिस्तान पर सख़्त हुआ अमेरिकाजो बाइडन ने अफगानिस्तान से छीना गैर-नाटो सहयोगी का दर्जासबसे बेहतर संबंध चाहता है तालिबान अफगानिस्तान की स्थिति तालिबान के शासन के बाद वैसे ही खराब थी, अब अमेरिका ने उससे गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा छीन कर उसकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से उसके प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा छीन लिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने जारी किए हुए पत्र में कहा है कि 1961 के विदेशी सहायता अधिनियम की धारा 517 के अनुसार, संशोधित (22 UASC 2321K) के अनुसार, अमेरिका एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में अफगानिस्तान के पदनाम को रद्द करने की घोषणा करता है। आपको बता दें, साल 2012 में अमेरिका ने अफगानिस्तान को एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में नामित किया था।
दुनिया के देशों से अच्छे संबंध चाहता है तालिबान
अखुंदजादा ने ईद उल अजहा की छुट्टियों से पहले अपने संबोधन में कहा, ‘हम अपने पड़ोसियों, क्षेत्र और विश्व को आश्वस्त करते हैं कि हम अपनी धरती का इस्तेमाल किसी अन्य देश की सुरक्षा को खतरा डालने के लिए नहीं करने देंगे।’ तालिबान के आध्यात्मिक गुरु अखुंदजादा ने ईद उल अजहा पर अपने संदेश में कहा, ‘परस्पर संपर्क और प्रतिबद्धता के ढांचे के तहत हम अमेरिका समेत विश्व के साथ अच्छा, राजनयिक, आर्थिक और राजनीतिक संबंध चाहते हैं तथा हमारा मानना है कि यह सभी पक्षों के हित में है।’
पहले ही सेना वापस बुला चुका है अमेरिका
अमेरिका ने पिछले साल ही अपने सभी सैनिकों को अफगानिस्तान से वापिस बुला लिया था। इसके बाद अफगानिस्तान में तालिबान लड़ाकों ने अपना मोर्चा खोल दिया और अंत में जीत हासिल की। आज अफगानिस्तान में तालिबान का शासन है। 15 अगस्त 2021 को तालिबान के लड़ाके अफगानिस्तान में पूरी तरह घुस गए थे और सितंबर तक उन्होंने अपनी जीत की घोषड़ा कर दी थी। हालांकि, आज भले ही अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार चल रही हो, लेकिन उसकी सरकार को किसी भी देश द्वारा आधिकारिक रूस से मान्यता नहीं मिली है।