उन्होंने सारे आरोप चुपचाप सहे-अमित शाह मैंने नरेंद्र मोदी के दर्द को नजदीक से देखा

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मैंने नरेंद्र मोदी के दर्द को नजदीक से देखा, उन्होंने सारे आरोप चुपचाप सहे-अमित शाह
मैंने नरेंद्र मोदी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी इसलिए हम कुछ नहीं बोले।गोधरा में ट्रेन को जलाना गुजरात दंगे की मुख्य वजह-अमित शाहनरेंद्र मोदी पर लगे आरोप झूठे, आरोप लगाने वाले मांगें माफी-शाहदुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन किया-शाहकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) ने गुजरात दंगों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर गुजरात दंगों को लेकर गलत आरोप लगाए गए थे। मैंने उनके दर्द को नजदीक से देखा। उन्होंने सभी आरोप चुपचाप सहे। अमित शाह ने कहा कि ट्रेन जलाने के बाद दंगे सुनियोजित नहीं बल्कि स्वप्रेरित थे। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में ये बातें कही। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले, मीडिया की भूमिका, गैर सरकारी संगठनों, राजनीतिक दलों, न्यायपालिका में मोदी के विश्वास पर बात की। मजबूत मन का आदमी ही ले सकता है ये स्टैंडउन्होंने कहा-‘ मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो इस लिए हमने तय किया कि हम कुछ नहीं बोलेंगे.. बहुत मजबूत मन का आदमी ही ये स्टैंड ले सकता है।’ सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित गृह मंत्री ने कहा-’18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा और आज जब अंत में सत्य सोने की तरह चमकता हुआ आ रहा है, तो अब आनंद आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज किया है। आप कह सकते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे।आरोप लगाने वालों को माफी मांगनी चाहिए मोदी जी से भी पूछताछ हुई थी लेकिन तब किसी ने धरना-प्रदर्शन नहीं किया था और हमने कानून को सहयोग दिया और मेरी भी गिरफ़्तारी हुई थी लेकिन कोई भी धरना-प्रदर्शन नहीं हुआ था। जिन लोगों ने मोदी जी पर आरोप लगाए थे अगर उनकी अंतरात्मा है तो उन्हें मोदी जी और बीजेपी नेताओं से माफी मांगनी चाहिए।हमने कोई लेटलतीफी नहीं की वहीं सेना बुलाने में देरी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा-‘जहां तक गुजरात सरकार का सवाल है हमने कोई लेटलतीफी नहीं की, जिस दिन गुजरात बंद का एलान हुआ था उसी दिन हमने सेना को बुला लिया था।गुजरात सरकार ने एक दिन की भी देरी नहीं की थी और कोर्ट ने भी इसका प्रोत्साहन किया है।’कुछ लोगों ने झूठे आरोपों का जमकर प्रचार कियावहीं गुजरात दंगों को रोकने के लिए पुलिस और अधिकारियों के एक्शन न लेने के सवाल पर अमित शाह ने कहा- ‘BJP विरोधी राजनीतिक पार्टियां, कुछ विचारधारा के लिए राजनीति में आए पत्रकार और NGO ने मिलकर आरोपों का इतना प्रचार किया और इसका इकोसिस्टम इतना मजबूत था कि लोग इनको ही सत्य मानने लगे। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जकिया जाफरी किसी और के निर्देश पर काम करती थी। एनजीओ ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें पता भी नहीं है। सब जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ की NGO ये सब कर रही थी और उस समय की आई यूपीए की सरकार ने NGO की बहुत मदद की है।’गोधरा की घटना दंगे का मुख्य कारणअमित शाह ने कहा कि दंगे होने का मुख्य कारण गोधरा की ट्रेन को जला देना था। 16 दिन की बच्ची को उसकी मां की गोद में बैठे हुए जिंदा जलते हुए मैंने देखा है और अपने हाथ से मैंने अंतिम संस्कार किया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ट्रेन में आग लगने के बाद की घटनाएं पूर्व नियोजित नहीं बल्कि स्वप्रेरित थी और तहलका द्वारा स्टिंग ऑपरेशन को भी खारिज कर दिया क्योंकि इसके आगे-पीछे का जब फुटेज आया तब पता चला कि ये स्टिंग राजनीतिक उद्देश्य से किया गया था।नरेंद्र मोदी ने संविधान का सम्मान कियाअमित शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि नरेंद्र मोदी ने उदाहरण पेश किया कि कैसे संविधान का सम्मान किया जा सकता है। उनसे पूछताछ की गई लेकिन किसी ने धरना नहीं दिया और कार्यकर्ता उनके साथ एकजुटता के साथ खड़े नहीं हुए… अगर आरोप लगाने वालों में अंतरात्मा है, तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए। जहां तक दंगों का सवाल है तो आप 5 साल बीजेपी और कांग्रेस के शासन काल की तुलना करें तो पता चल जाएगा कि किसके शासन में अधिक दंगे हुए।

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