अजय माकन की हार के बाद एक्शन लेगी कांग्रेस, इस विधायक की छुट्टी करने का है प्लान
हरियाणा में कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा के कृष्ण लाल पंवार और भाजपा के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने हरियाणा से राज्यसभा की दो सीटों पर जीत दर्ज की।
अजय माकन को हराकर निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय ने मारी बाजीहरियाणा से एकमात्र कांग्रेस उम्मीदवार थे अजय माकनहार के बाद उठ रहे हैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर सवालहरियाणा से राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन की हार के बाद पार्टी बड़ा फैसला ले सकती है। कल हुई राज्यसभा चुनाव की वोटिंग में कथित तौर पर ‘क्रॉस वोटिंग’ करने को लेकर कांग्रेस पार्टी राज्य इकाई के अपने वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ जल्द कार्रवाई कर सकती है।
पार्टी सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार कुलदीप बिश्नोई को पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने के साथ ही उन्हें पार्टी से निलंबित किया जा सकता है। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष से उनकी सदस्यता खत्म करने की भी सिफारिश की जा सकती है। पार्टी इस बारे में जल्द निर्णय लेगी। बिश्नोई फिलहाल कांग्रेस कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।
कुलदीप बिश्नोई के ट्वीट के बाद जताई जा रही है क्रॉस वोटिंग की आशंका
गौरतलब है कि हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की हार के बाद बिश्नोई ने ट्वीट किया, ‘‘फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के ख़ौफ़ से जंगल नही छोड़ा करते। सुप्रभात।’’ इस ट्वीट के बाद से ही राजनीतिक गलियारे में उनके क्रॉस वोटिंग किये जाने की आशंका जताई जाने लगी थी।
उन्होंने एक ट्विटर यूजर के उस ट्वीट को भी रिट्वीट किया जिसमें कहा गया है, ‘‘सही वक्त पर लिया गया फैसला ही इंसान को औरों से अलग करता है।’’
अजय सिंह यादव ने भी बोला हमला
राज्यसभा चुनाव में माकन की हार के बाद हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह यादव ने भी एक ट्वीट किया जिससे यह आशंका जताई जाने लगी कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधा है। मामले के तूल पकड़ने के बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका इशारा हुड्डा परिवार की तरफ नहीं था। यादव ने ट्वीट किया, ‘‘जब पार्टी बड़े नेताओं के बेटों को बिना संघर्ष किए हुए कांग्रेस कार्य समिति का सदस्य बना देगी, उनको राज्यसभा में भेज देगी तो वह पार्टी की विचारधारा को भूलकर केवल अपनी व्यक्तिगत स्वार्थ की राजनीति करेंगे यह बात पार्टी आलाकमान को समझनी पड़ेगी।’’
बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा, ‘‘कुछ लोग स्वार्थ पूर्ति की वजह से मेरे इस ट्वीट पर यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि यह मैंने दीपेंद्र हुड्डा के बारे में टिप्पणी की है। यह गलत है क्योंकि दीपेंद्र हुड्डा समर्पित कांग्रेस नेता हैं और तीन बार लोकसभा में चुनकर पहुंचे हैं और दलबदलू नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह टिप्पणी मैंने उन राजनेताओं के बेटों के बारे में लिखी है जो पार्टी के उच्च पद लेने के बाद भी पार्टी को छोड़ जाते हैं मसलन ज्योतिरादित्य सिंधिया, कुलदीप बिश्नोई और आरपीएन सिंह आदि।’’