‘पैगंबर विवाद में मुस्लिम मुल्कों के संगठन की टिप्पणी संकीर्ण मानसिकता वाली’,

234
Share

‘पैगंबर विवाद में मुस्लिम मुल्कों के संगठन की टिप्पणी संकीर्ण मानसिकता वाली’, भारत ने दिया करारा जवाब
पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी पर इस्लामिक देशों की प्रतिक्रिया के बाद भारत ने इन देशों को जवाब दिया है।
आईओसी ने की थी नुपूर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर बयान के बाद टिप्पणीआईओसी ने भारत में मुस्लिमों से दुव्यवर्हार की बात कही थी  भारत ने टिप्पणी को खारिज किया
पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी पर इस्लामिक देशों की प्रतिक्रिया के बाद भारत ने इन देशों को जवाब दिया है। नुपूर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की गई थी, इसके बाद कतर, ईरान जैसे देशों ने ऐतराज जताया था। हालांकि भाजपा ने नुपूर शर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसी बीच भारत ने इस्लामिक मुल्कों के समूह की टिप्पणी को अवांछित और संकीर्ण मानसिकता वाली बताया है।
अरब में आवाज उठी तब जाकर कार्रवाई की गई: ओवैसी
उधर, ओवैसी ने भी नुपूर शर्मा के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि अरब देशों ने नुपूर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद मामले पर बयान के खिलाफ आवाज उठाई तब जाकर उन्हें निष्कासित किया गया। उन्होंने सवाल किया कि 10 दिनों तक नुपूर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भारत की विदेश नीति को बर्बाद किया है।
ओआईसी ने की थी निंदा
दरअसल, सऊदी शहर जेद्दा में स्थित इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा था कि यह ‘भारत में इस्लाम के प्रति घृणा और तेज करने और मुसलमानों के खिलाफ दुर्व्यवहार के संदर्भ में आया है।’ दरअसल, ओआईसी खुद को मुस्लिम दुनिया की सामूहिक आवाज कहता है। हालांकि नुपूर शर्मा के निष्कासन की कार्रवाई के बाद कतर, अरब और अन्य देशों ने स्वागत किया है।
भारत ने किया टिप्पणी का विरोध
ओआईसी के इस ​हालिया बयान का विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हमने आईओसी के महासचिव का बयान देखा है। भारत सरकार ओआईसी सचिवालय की इस अनुचित और संकीर्ण सोच वाली टिप्पणियों को ​सिरे से खारिज करती है।’
क्या है आईओसी?
गौरतलब है कि ओआईसी इस्लामिक देशों का एक संगठन है, जिससे मुस्लिम राष्ट्र जुड़े हुए हैं। इसके सदस्य देशों में कतर, ईरान जैसे देशों के अलावा पाकिस्तान भी शामिल है। भारत ने देश के आंतरिक मामलों खासकर जम्मू-कश्मीर से जुड़े मामलों पर टिप्पणी करने के लिए ओआईसी की अक्सर निंदा की है।

 

 

 

LEAVE A REPLY