बदहाली की कगार पर श्रीलंका, भारत से मांगी अब ये मदद

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बदहाली की कगार पर श्रीलंका, भारत से मांगी अब ये मदद
उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि अमरवीरा ने भारतीय उच्चायुक्त बागले से मुलाकात की। दोनों ने खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए द्विपक्षीय सहयोग के महत्व पर चर्चा की।
श्रीलंका के कृषि मंत्री ने भारत से मांगी मददभारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले से की मुलाकातखाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को लेकर हुई चर्चा
श्रीलंका इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे में श्रीलंका के कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा ने बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले से मुलाकात की और खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत से मदद मांगी। पिछले महीने भारत ने श्रीलंका को धान की खेती में किसी प्रकार की समस्या से बचने के लिए तत्काल 65,000 टन यूरिया की आपूर्ति का आश्वासन दिया था।
उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि अमरवीरा ने भारतीय उच्चायुक्त बागले से मुलाकात की। दोनों ने खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए द्विपक्षीय सहयोग के महत्व पर चर्चा की। सूत्रों ने कहा कि कृषि मंत्री भारत से मिल रही कर्ज सुविधा के तहत रसायनिक उर्वरक प्राप्त करने को लेकर गंभीर है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अर्थव्यवस्था को हरित बनाने के मकसद से पिछले साल रासायनिक उर्वरकों के आयात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। इसे फैसले से 50 प्रतिशत फसल को नुकसान हुआ और खाद्यान्न की कमी हुई। राजपक्षे ने कुछ सप्ताह पहले स्वीकार किया था कि रासायनिक उर्वरक पर पाबंदी और 100 प्रतिशत जैविक खाद्य के उपयोग का निर्णय गलत था।
हज यात्रा पर नहीं जाएंगे श्रीलंकाई मुसलमान
वहीं, श्रीलंका के मुसलमानों ने देश में आर्थिक संकट की वजह से इस साल हज यात्रा नहीं करने का फैसला किया है। बता दें कि सऊदी अरब ने साल 2022 के लिए श्रीलंका से 1,585 हज तीर्थयात्रियों के कोटा को मंजूरी दी थी। हालांकि, राष्ट्रीय हज समिति, श्रीलंका हज टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन और मुस्लिम धार्मिक एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग सहित कई पक्षों ओर से की गई चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि श्रीलंका से कोई भी मुसलमान इस बार हज यात्रा नहीं करेगा। यानी कि इस बार सऊदी अरब में 7 जुलाई से 13 जुलाई तक होने वाली हज यात्रा में श्रीलंका का कोई भी मुसलमान शिरकत नहीं करेगा।

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