लाउडस्पीकर प्रकरण पर प्रसपा संस्थापक शिवपाल यादव ने निशाना साधा है। उन्होंने शुक्रवार को कू पर लिखा, ‘सैकड़ों सालों से देश की गंगा जमुनी तहजीब में भजन, कीर्तन, अजान व गुरुवाणी के स्वर सह अस्तित्व के साथ गूंजते रहे हैं। लाउडस्पीकर के आविष्कार के बहुत पहले से। किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया। ईश्वर न तब बहरा था, न अब बहरा है। बुनियादी सवाल है कि अचानक शुरू हुए इस फसाद की जड़ कौन है? आजम की रिहाई के लिए सपा ने सही तरीके से आवाज नहीं उठाई : शिवपाल
इससे पहले, समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सपा का इतिहास संघर्ष, आंदोलन व धरना-प्रदर्शन करने का रहा है, पर अब यह दिखाई नहीं देता। आजम खां की रिहाई के लिए सपा ने सही तरीके से आवाज ही नहीं उठाई।
सभी जानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी नेताजी का बहुत सम्मान करते हैं। यदि आजम खां की मदद के लिए नेताजी के नेतृत्व में लोकसभा के सामने धरना दिया जाता तो प्रधानमंत्री उनकी बात जरूर सुनते व मानते। भोजपुर कन्हैया गांव के पास एक कार्यक्रम में आए शिवपाल सिंह यादव ने पत्रकारों से वार्ता की।
उन्होंने कहा कि आजम खां के साथ जुल्म हो रहा है। उनकी यूनिवर्सिटी ध्वस्त कर दी गई। वह 10वीं बार विधानसभा के सदस्य हैं। संसद व राज्यसभा में भी वह रहे। हम उनके साथ हैं। हम बार-बार कह रहे कि नेताजी के नेतृत्व में उनकी मदद होनी चाहिए थी, लेकिन उनके लिए जो धरना-प्रदर्शन, आंदोलन होना चाहिए था, वह सपा की ओर से नहीं हुआ।
नेताजी लोकसभा के सामने धरने पर बैठ जाते तो प्रधानमंत्री जरूर उनकी बात सुनते व मानते। उनके भाजपा में जाने के संबंध में अखिलेश यादव के बयान पर शिवपाल सिंह ने कहा कि अखिलेश का यह गैरजिम्मेदाराना व नादानी भरा बयान है। यदि वह उन्हें भाजपा में भेजना चाहते हैं तो वह उन्हें पहले समाजवादी विधानमंडल दल से निकालें।
नया मोर्चा बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उचित समय पर फैसला होगा, आजम भी बाहर आ जाएं। उन्होंने सभी कमेटियां भंग कर दी हैं, समीक्षा भी कर ली है। ईद के बाद लखनऊ में बैठकर प्रमुख नेताओं को बुलाकर विचार किया जाएगा और गठन की शुरुआत की जाएगी। विधानसभा चुनाव में सपा की हार के कारण पूछे जाने पर उन्होंने अखिलेश का नाम लिए बिना कहा कि यह बात उनसे पूछी जानी चाहिए