नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उन दूतावासों के अधिकारियों से वर्चुअल तरीके से बात की जो यूक्रेन संकट के दौरान भारतीयों की निकासी की मुहिम आॅपरेशन गंगा को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने हंगरी और रोमानिया के दूतावास कर्मियों से भी बात की। पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन से करीब 23,000 भारतीय स्वदेश लौट चुके हैं। ऐसी परिस्थितियों में इस निकासी अभियान को चलाना चुनौतीपूर्ण था।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने यूक्रेन से 18 अन्य देशों के नागरिकों को भी निकाला। हमने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को 90 टन से अधिक मानवीय सहायता भेजी है। वहीं, विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आॅपरेशन की सफलता के लिए अथक प्रयास करने वाले भारतीय समुदाय के नेताओं, स्वयंसेवी समूहों, कंपनियों, निजी व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों की हार्दिक प्रशंसा की।
मंत्रालय ने बताया कि पीएम ने आॅपरेशन गंगा में शामिल सभी हितधारकों द्वारा प्रदर्शित देशभक्ति के उत्साह, सामुदायिक सेवा की भावना और टीम भावना की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों के नेताओं के साथ अपनी व्यक्तिगत बातचीत को याद किया और उनके समर्थन के लिए आभार जताया। विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा को सरकार द्वारा दी जाने वाली उच्च प्राथमिकता को दोहराते हुए पीएम ने याद किया कि भारत ने किसी भी अंतरराष्ट्रीय संकट के दौरान अपने नागरिकों की सहायता के लिए हमेशा तत्परता से काम किया है। भारत ने आपात स्थिति के दौरान अन्य देशों के नागरिकों को भी मानवीय सहायता प्रदान की।
इस बातचीत के दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कानून मंत्री किरण रिजिजू, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल (से.) वीके सिंह भी मौजूद थे। ये चारों मंत्री आॅपरेशन गंगा में मदद के लिए क्रमश: रोमानिया, स्लोवाक गणराज्य, हंगरी और पोलैंड भेजे गए थे।
भारत अबतक यूक्रेन से 22,500 से अधिक लोगों को बचाकर ला चुका है। इस दौरान बांग्लादेश और नेपाल के नागरिक भी बचाए गए हैं।