नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और चयनकर्ताओं का ध्यान अब आगामी वर्ल्ड कप श्रृंखलाओं पर अधिक होने वाला है। इस साल ऑस्ट्रेलिया में जहां टी-20 वर्ल्ड कप का आयोजन किया जाएगा तो वहीं अगले साल 2023 में भारत वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा। भारतीय क्रिकेट टीम कम से कम एक ट्रॉफी जरूर जीतना चाहेगी। लेकिन उसके लिए उसके सामने खिलाड़ियों का चुनाव एक बड़ी समस्या है।
भारतीय टीम में चयन के लिए इस वक्त कई दावेदार हैं। हालांकि इनमें बल्लेबाजों के नाम लगभग तय है लेकिन गेंदबाजों में काफी प्रतिस्पर्धा है। गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी प्रबल दावेदार हैं जबकि तीसरे गेंदबाज के लिए शार्दुल ठाकुर, दीपक चाहर और मोहम्मद सिराज के बीच होड़ है। इन सबसे अलग भुवनेश्वर कुमार के लिए जगह पाना मुश्किल होगा। भारतीय अनुभवी तेज गेंदबाज इस वक्त अपनी फॉर्म से जूझ रहे हैं और अपनी लाइन लेंथ को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं।
भारतीय दिग्गज और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर भी भुवनेश्वर कुमार को लेकर कुछ ऐसी ही राय रखते हैं। गावस्कर ने कहा कि भुवनेश्वर को आराम देने में कोई हर्ज नहीं है।
गावस्कर ने स्पोर्ट्स टुडे से बातचीत में कहा, “एक नाम जो मेरे दिमाग में आता है वह है भुवनेश्वर कुमार। मुझे यह भी नहीं पता कि उसका अब किस तरह का भविष्य है। वह गति खो चुका गया है, शुरुआत में उसके पास सटीकता थी जहां वह गेंद को शुरुआती ओवर में अंदर-बाहर स्विंग कराकर विकेट लेने में सफल रहता था और फिर आखिरी के ओवर में भी इस लय को बरकरार रखता था। लेकिन अब वह ऐसा नहीं कर पा रहा है। इसलिए यह समय है उसके लिए वापस जाकर कड़ी मेहनत करने और मूल बातों पर ध्यान देने का। यही एक नाम है जो दिमाग में आता है।”
पूर्व कप्तान ने आगे कहा कि दीपक चाहर को और मौके देने का समय आ गया है। चाहर न केवल गेंद से भुवनेश्वर के लिए समान विकल्प हो सकते हैं, बल्कि वह नीचे के क्रम में अच्छी बल्लेबाजी करने में भी सक्षम हैं। उन्होंने दो एकदिवसीय अर्धशतक बनाए हैं – जिनमें से दूसरा हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकदिवसीय मैच में आया था, जिसने लगभग भारत को जीत दिला दी थी और गावस्कर निश्चित हैं कि चाहर भारत के लिए तीसरा गेंदबाजी विकल्प हो सकता है, जबकि भुवनेश्वर समय लेकर अपनी गेंदबाजी पर काम कर सकते हैं।
भारतीय टीम ने आखिरी बार 2011 में अपनी मेजबानी में वर्ल्ड कप जीता था और इसके बाद 2013 में उसने चैंपियंस ट्रॉफी जीती। इसके बाद से टीम इंडिया कोई भी आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाई।