विधानसभा घेराव के दौरान कर्मचारियों की पुलिस से तीखी नोकझोंक

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चमोली। विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करने के दौरान जनरल-ओबीसी इम्पलॉयज एसोसिएशन के कर्चारियों की पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक हुई। मामला बढ़ता देख पुलिस ने विधानसभा में जबरने घुसने की कोशिश करने वाले करीब दो सौ कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, फिर बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
चमोली जिले के गैरसैंण में बजट सत्र शुरू हो गया है। सत्र के पहले ही दिन बिना आरक्षण पदोन्नति बहाल करने की मांग को लेकर उत्तराखंड जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने जमकर बवाल काटा। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को पुलिस ने तुकमतासैंण और मालसी बैरिकेड पर रोकने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। इसके बाद कर्मचारियों ने दिवालीखाल पहुंचकर विधानसभा कूच का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस पर कर्मचारी राजमार्ग पर ही बैठ गए। इस बीच उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत को काले झंडे दिखाए। साथ ही रुद्रप्रयाग विधायक से उनकी तीखी बहस हुई।
कर्मचारी यहीं नहीं रुके और जब कर्मचारी बैरिकेडिंग पार कर विधानसभा में घुसने पर अमादा हो गए तो, पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि फिर सभी को शाम चार बजे छोड़ दिया गया। गैरसैंण में कर्मचारियों की गिरफ्तारी की खबर लगते ही अन्य जिलों में कर्मचारी आग बबूला हो उठे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अब वो कुछ भी कर ले, गुरुवार से आवश्यक सेवाओं को भी ठप कर दिया जाएगा।
वहीं, कर्मचारियों के इस रवैये पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि हड़ताल किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। सरकार कर्मचारियों से बात करने के लिए तैयार है।
जनरल ओबीसी इम्पलाइज एसोसिएशन की क्षेत्रीय शाखा के तत्वावधान में पदोन्नति में आरक्षण को खत्म करने की मांग को लेकर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने श्रीनगर तहसील परिसर पर जोरदार नारेबाजी की। नगरपालिका सभासद विभोर बहुगुणा ने कर्मचारियों की मांग और हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा, कर्मचारियों की मांग को सरकार को जल्द ही मान लिया जाना चाहिए। सभासद विभोर बहुगुणा ने कहा कि आरक्षण को आर्थिक आधार से जोड़ने पर समाज के हर वर्ग के हर गरीब व्यक्ति को इसका लाभ भी मिलेगा। चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ग का हो। वहीं, गैरसैण में कर्मचारियों को गिरफ्तार करने के मामले को लेकर पौड़ी में भी कर्मचारियों में आक्रोश देखने को मिला।

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