एजेंसीं न्यूज
नई दिल्ली। निर्भया के दोषी विनय को उच्च स्तरीय चिकित्सा का मांग करने वाली याचिका को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दिया। अदालत ने शनिवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसे दोषी जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई हो, उनका चिंतित और अवसाद में होना सामान्य है। इस मामले में जाहिर तौर पर दोषी को पर्याप्त चिकित्सा उपचार और मनोवैज्ञानिक सहायता दी गई है।
बता दें कि सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल के वकील इरफान अहमद ने विनय की मेडिकल रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी। इरफान अहमद ने बताया कि दोषी विनय ने खुद जेल की दीवारों पर अपना सिर पटका था जिसके तुरंत बाद उसका इलाज तिहाड़ के डॉक्टरों ने किया था। तिहाड़ ने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज भी अदालत को सौंपी है।
तिहाड़ के वकील इरफान ने अदालत को बताया कि विनय की मानसिक अस्थिरता की कोई पुरानी मेडिकल हिस्ट्री नहीं है, जैसा विनय के वकील एपी सिंह ने बताया है। इरफान अहमद ने कोर्ट को ये भी बताया कि दोषी विनय ने हाल ही में अपनी मां और वकील को दो फोन किए थे, तो क्यों उसके वकील यह दावा कर रहे हैं कि वह अपनी मां को भी नहीं पहचान पा रहा है?
वहीं निर्भया के एक और दोषी पवन गुप्ता ने अपने नए कानूनी सलाहकार रवि काजी से मिलने इनकार कर दिया है। एपी सिंह के केस छोड़ने के बाद अदालत ने रवि काजी को पवन का वकील नियुक्त किया था। चारों दोषियों में पवन गुप्ता ही ऐसा है जिसके पास अब भी क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका के दो कानूनी विकल्प बचे हैं।
अब पवन के इनकार के बाद यह मामला थोड़ा फंस गया है। पवन ने डेथ वारंट जारी होने के बाद से अपने वकील रवि काजी से कोई संपर्क नहीं किया है। इन दोनों के बीच बचे हुए कानूनी विकल्पों के इस्तेमाल को लेकर कोई बात नहीं हुई है।
हालांकि अभी ये पता नहीं चल सका है कि पवन ने रवि काजी से मिलने से इनकार क्यों किया। अगर आगे भी पवन अपने बचे विकल्पों को इस्तेमाल नहीं करता है तो उसे तीन मार्च को सुबह 6 बजे फांसी लगना तय है।