एजेंसी न्यूज
नई दिल्ली। 14 फरवरी, 2019 का वो काला दिन जब अपने जवानों की शहादत पर पूरे देश की आंखों में आंसू थे। दोपहर के 3ः30 बजे रहे थे, जब आतंकियों ने वीर जवानों के काफिले पर हमला कर दिया था। इसमें देश के 40 जवानों ने अपनी शहादत दी थी। एक साल हो गया है इस दुखद घटना को, लेकिन आज भी दिलों में पुलवामा हमला का दर्द मौजूद है। शुक्रवार को इन वीर सपूतों को पूरे देश ने श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, एक कृतज्ञ राष्ट्र अपने बहादुर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करता है, जिन्होंने पिछले साल इसी दिन पुलवामा, जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों के हमले में अपनी जान गंवा दी थी। हम अपने सभी तरह से आतंकवाद को हराने और खत्म करने के अपने संकल्प में दृढ़ हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल हुए पुलवामा हमले में जान गंवाने वाले बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कहा कि वे सबसे अलग थे जिन्होंने हमारे राष्ट्र की सेवा और रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। भारत उनकी शहादत को कभी नहीं भूलेगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को याद करते हुए सरकार पर सवाल भी दागे हैं। उन्होंने पुलवामा हमले वाले दिन सरकार पर हमला बोलते हुए पहले सवाल पूछा- हमले से सबसे ज्यादा किसे फायदा हुआ?, दूसरा- हमले की जांच में क्या निकला?, तीसरा- हमले से जुड़ी सुरक्षा खामी के लिए भाजपा सरकार में अब तक किसको जवाबदेह ठहराया गया है?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मैं पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देता हूं। भारत हमेशा हमारे बहादुरों और उनके परिवारों का आभारी रहेगा जिन्होंने हमारी मातृभूमि की संप्रभुता और अखंडता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2019 में इसी दिन पुलवामा में हुए नृशंस हमले के दौरान शहीद जवानों को याद करते हुए कहा, श्भारत उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। संपूर्ण राष्ट्र आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और हम इस खतरे के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।