देहरादून। शहर में 111 तरह के व्यवसाय पर लाइसेंस शुल्क लगाने और विरोध के बाद उसे वापस लेने को लेकर दिखाई जल्दबाजी पर भाजपा के पार्षदों ने नाराजगी जताई है। नगर आयुक्त से मुलाकात में भाजपा पार्षदों ने कहा कि निगम प्रशासन को लाइसेंस शुल्क का यह मामला पहले निगम की कार्यकारिणी बैठक में रखना चाहिए था। वहां मंजूरी के बाद ये मामला बोर्ड बैठक में जाता और बोर्ड द्वारा मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाना चाहिए था। पार्षदों ने कहा कि ऐसी जल्दबाजी से निगम की छवि धूमिल हुई है।
भाजपा पार्षद भूपेंद्र कठैत के साथ पार्षदों ने नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय से मुलाकात की। पार्षदों ने कहा कि जिस तरह से शहर में हर तरह के व्यवसाय पर भारी भरकम लाइसेंस शुल्क तय किया, इससे लोगों को नगर निगम को आड़े हाथ लेने का मौका मिल गया। पार्षदों को भी लोगों की खरीखोटी सुननी पड़ी। पार्षदों ने कहा कि फैसला लेने से पहले ये मामला निगम की कार्यकारिणी समिति की बैठक में लाया जाना था, जिससे चर्चा हो पाती। पर बिना कार्यकारिणी समिति की बैठक में लाए लाइसेंस शुल्क की दरें सार्वजनिक कर उन पर आपत्ति मांग ली गई। इससे व्यापारियों के बीच गलत संदेश गया, जिससे व्यापारी नाराज हो सड़क पर उतरे। इससे पार्षदों को भी सुननी पड़ी।
वहीं, पार्षदों ने शीशमबाड़ा स्थित कूड़ा निस्तारण स्थल प्लांट को लेकर कंपनी पर लापरवाही के आरोप लगाए। यह कहा कि कंपनी ठीक से काम नहीं कर रही है और लोग निगम के विरुद्ध नारेबाजी कर रहे। उन्होंने इस मामले के समाधान के लिए पार्षदों की एक कमेटी बनाने की मांग की। इस दौरान पार्षद संजय नौटियाल, कमल थापा समेत चुन्नीलाल, मीरा कठैत और विनय कोहली आदि मौजूद रहे।