ऋषिकेश। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के पहले रेलवे स्टेशन योग नगरी ऋषिकेश के तैयार होने के साथ ही ऋषिकेश को लंबी दूरी की नई गाड़िघ्यां भी तोहफे में मिल सकती हैं। रेलवे ने फिलहाल हरिद्वार तक संचालित तीन गाडियों को ऋषिकेश तक संचालित करने की योजना बनाई है। हालांकि, हरिद्वार कुंभ से पूर्व ऋषिकेश रेल यातायात की दृष्टि से नई इबारत लिख सकता है।
परियोजना के पहले रेलवे स्टेशन योग नगरी ऋषिकेश का काम अंतिम चरण में है। रेल विकास निगम ने चार फरवरी को इसे यातायात के लिए खोलने का निर्णय लिया है। संभव है कि रेलवे इससे पहले योग नगरी ऋषिकेश और हरिद्वार के बीच ट्रायल भी कर देगा। हालांकि, स्टेशन के निगम से रेलवे को हस्तांतरण में मार्च तक का समय लग सकता है। योग नगरी रेलवे स्टेशन पुराने ऋषिकेश स्टेशन से क्षमता में तीन गुना बड़ा है। इस पर कुल 18 रेल लाइनें और तीन प्लेटफार्म हैं। जिन पर एक साथ पूरी लंबाई की छह गाड़िघ्यां खड़ी हो सकती हैं।
पुराने स्टेशन की क्षमता कम होने के कारण यहां लंबी गाडियां नहीं आ सकती थी। लिहाजा ऋषिकेश से दो जोड़ी एचआर पैसेंजर (ऋषिकेश-हरिद्वार) के अलावा बांदीकुई पैसेंजर, हेमकुंड एक्सप्रेस व बाड़मेर एक्सप्रेस का ही संचालन हो रहा है। जबकि, हरिद्वार तक संचालित होने वाली कई गाडियां ऐसी हैं, जो घंटों तक हरिद्वार में ही खड़ी रहती हैं। अब रेलवे हरिद्वार में अधिक समय तक खड़ी रहने वाली गाड़ियों को ऋषिकेश से संचालित करने पर विचार कर रहा है। इन गाड़िघ्यों में उदयपुर एक्सप्रेस, योग एक्सप्रेस (अहमदाबाद) व कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस शामिल हैं। रेलवे की इस प्रस्तावित योजना को यदि मंजूरी मिलती है तो ऋषिकेश को नए स्टेशन के साथ नई गाड़ियों की भी सौगात मिल जाएगी।