देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि वसुधैव कुटुम्बकम हमारी परंपरा और संस्कृति रही है। भारत ने समय-समय पर दुनियाभर से पीड़ित संप्रदायों को शरण दी है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) में भी पीड़ितों को नागरिकता देने की बात कही गई है। इसका विरोध कुछ लोगों द्वारा निराधार ही किया जा रहा है। सीएए को लेकर अशांति फैलाने वाले लोगों से युवाओं को सतर्क रहने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को ओएनजीसी ऑडिटॉरियम में आयोजित दो दिवसीय उत्तराखंड यंग लीडर्स कान्क्लेव के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।
स्वामी विवेकानंद की 157वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें शोधार्थी बनाना होगा। स्वयं के अंदर झांकना चाहिए। सब कुछ हमारे भीतर ही है। स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को भारतीय दर्शन से अवगत कराया। हमें अपनी इस महान परम्परा व पूर्वजों पर गर्व करना चाहिए। भारत नौजवानों का देश है। नौजवान भारत की ताकत हैं। जहां दुनिया के देश बूढ़े हो रहे हैं जबकि हमारे यहां सबसे अधिक नौजवान हैं। आने वाले समय में भारत दुनिया का मार्गदर्शन करेगा।
स्वामी विवेकानंद ने भी हमें उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्त होने तक न रूको का मंत्र दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि निराशा का भाव नहीं आना चाहिए। काम तो आशा के संचार से ही हो सकता है। आज शिक्षा है परंतु संस्कार नहीं हैं। महिलाओं से दुराचार के मामलों में 90 फीसदी से अधिक परिचित होते हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हमें संकल्प लेना चाहिए कि सुधार की पहल स्वयं से व परिवार से करेंगे। गलत का प्रतिकार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक का जो आह्वान किया है उसमें युवाओं को अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। देहरादून में प्लास्टिक कचरा 75 प्रतिशत कम हो गया है। इस मौके पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. धन सिंह रावत, महापौर सुनील उनियाल गामा, देव संस्कृति विवि के प्रति कुलपति डॉ.चिन्मय पंड्या आदि मौजूद रहे।