एजेंसीं न्यूज
गोरखपुर। गोरखपुर में आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ननकाना साहिब में सिखों पर हुए हमले को लेकर पाकिस्तान को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि इस घटना से साबित हो गया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं, जबकि भारत में ऐसा कोई धर्मस्थल नहीं, जहां उपासना में बाधा उत्पन्न की जाती हो।
योगी ने कहा कि नेहरू-लियाकत समझौते की याद दिलाते हुए योगी ने कहा कि इसमें अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने की बात कही गई थी। भारत उसका अक्षरशरू पालन करता है जबकि पाकिस्तान हमेशा उल्लंघन। इसका नतीजा है कि आजादी के बाद भारत में अल्पसंख्यक आबादी छह फीसद बढ़ गई जबकि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक 23 फीसद से घटकर एक प्रतिशत पर आ गए। योगी ने महात्मा गांधी के उस आह्वान की भी चर्चा की, जिसमेें उन्होंने पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत आने का न्यौता दिया था। उन्होंने याद दिलाया कि जो कांगे्रसी आज सीएए का विरोध कर रहे हैं उनके नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2003 में पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार की बात संसद में उठाई थी।
योगी ने कहा कि आजादी के समय दलितों के दो मशहूर नेता थे। डॉ. भीमराव आंबेडकर और योगेंद्र मंडल। डॉ. आंबेडकर भारत के कानून मंत्री बने और योगेंद्र ने पाकिस्तान में रहना पसंद किया। आंबेडकर को भारत में इतना सम्मान मिला कि उनसे जुड़े पांच स्थलों को तीर्थ घोषित कर दिया गया जबकि योगेंद्र मंडल को बाद में भारत में शरण लेनी पड़ी और शरणार्थी के तौर पर गुमनामी में उनकी मौत हो गई। पाकिस्तान के चरित्र का आंकलन इसी से किया जा सकता है।