एजेंसी न्यूज
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों से कहा है कि वो जल्द से जल्द अपने यहां पर भ्रष्टाचार के लंबित मामलों की जांच को जल्द पूरा करें। गौरतलब है कई बैंकों के अधिकारियों के ऊपर भ्रष्टाचार के मामले में जांच चल रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ चुनिंदा डिजिटल माध्यमों पर लगने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क को पूरी तरह से माफ किया जाएगा। इसके बारे में सरकार अधिसूचना निकालने जा रही है, जिसमें बताया जाएगा कि कौन से माध्यम इस व्यवस्था में शामिल होंगे।
वित्त मंत्री ने जुलाई में बजट पेश करते हुए एमडीआर शुल्क को वापस लेने की घोषणा की थी। इसमें छोटे व्यापारी भी शामिल होंगे, जिनका टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से कम होगा। ऐसे व्यापारी अपने ग्राहकों से एमडीआर शुल्क नहीं वसूल सकेंगे। इस शुल्क को आरबीआई और बैंक वहन करेंगे। डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जाएगा।
इस बैठक में सभी 18 बैंकों के प्रबंध निदेशक, चेयरमैन और सीईओ के शामिल हुए हैं। वित्त मंत्री द्वारा बुलाई गई इस अहम बैठक में सरफेसी अधिनियम के तहत संपत्तियों की नीलामी के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, रूपे कार्ड के जरिए जन धन योजना के खाताधारकों को खाते में मौजूदा राशि से अधिक की निकासी करने की सुविधा देने और एमडीआर पर चर्चा की जा रही है।
बैंकों ने पिछले चार साल में 4,01,393 करोड़ रुपये के एनपीए वसूले हैं। इनमें सिर्फ 2018-19 में ही 1,56,702 करोड़ रुपए वसूल किए गए। बैठक में बैंकिंग क्षेत्र के हालातों पर चर्चा हुई और उन्हें ऋण वितरण की ग्रोथ रेट को तेज करने को कहा जा सकता है। इसके अलावा बैंकों को रेपो दर में की गई कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए भी कहा जा सकता है।