पटरी पर लौटने लगा जनजीवन, प्रदेश में हालात अब सामान्य

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एजेंसीं न्यूज
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ सहित एक दर्जन से अधिक जिलों में हिंसक प्रदर्शन के बाद अब हालात सामान्य हंै। दो दिन तक प्रदेश के कई शहर हिंसा की आग में लगे। 18 लोगों की मौत के बाद अब हर जगह पर स्थिति नियंत्रण में है। पांच सौ से अधिक लोगों को प्रदेश में गिरफ्तार किया गया है। अब भी पुलिस की धरपकड़ जारी है।
लखनऊ के साथ ही कानपुर, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी व फिरोजाबाद के बाद अन्य शहरों में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान लोग हिंसक हो गए थे। पुलिस को इस तरह की हिंसा का अनुमान नहीं था। पथराव के बाद आगजनी तथा फायरिंग से प्रदेश में जगह-जगह पर शांति को भंग कर दिया गया।
हिंसा तथा उग्र प्रदर्शन पर नियंत्रण करने के बाद अब पुलिस के साथ केंद्रीय बल हिंसा के आरोपितों की धरपकड़ में लगी हैं। हर जगह पर हालात सामान्य के बाद भी पुलिस बेहद सतर्क है। इसी कारण सोमवार को हालात सामान्य रहे। कई आरोपितों की पहचान हो चुकी है जबकि अन्य आरोपितों की पहचान के लिए वीडियो फुटेज अभी भी खंगाले जा रहे हैैं। उधर पुलिस ने जिलों में आरोपितों की तस्वीरें भी जारी कर दी हैं। अब लगभग सभी जिलों में बाजार खुले है। प्रयागराज में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल की गईं। प्रशासन ने चार दिन बाद इंटरनेट सेवाएं बहाल की। इंटरनेट सेवाएं बंद होने से व्यापारी और आम लोगों को हो काफी परेशानी रही थी।
अलीगढ़ में भी अब पूर्ण शांति है। यहां पर संवदेनशील इलाकों में फोर्स तैनात है। मऊ में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है जबकि आजमगढ़ में अब भी बंद है। मुजफ्फरनगर में 5 दिनों से इंटरनेट सेवा बंद हैं। पहचान के लिए उपद्रवियों की फोटो की जारी। उपद्रवियों ने जलाई 11 कार और 41 बाइक।सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली गोरखपुर में पथराव और बवाल में 36 के विरुद्ध नामजद केस दर्ज किया गया है। इसमें सेे तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शेष 33 नामजद आरोपित फरार हैं। उनकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है लेकिन उनका पता नहीं चल पा रहा है। अब उन सभी की गिरफ्तारी पुलिस के लिए फिलहाल बड़ी चुनौती बन गई है।

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