एजेंसी न्यूज
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक, लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी पास हो गया है. लोकसभा में इस बिल के समर्थन में 125 मत पड़े वहीं इसके विपक्ष में कुल 105 वोट पड़े. अब नागरिकता विधेयक को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है. अब राष्ट्रपति के विधेयक पर हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दोपहर 12 बजे नागरिकता संशोधन बिल को पेश किया. जिसके बाद इस बिल पर ऊपरी सदन में चर्चा हुई. चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपना जवाब सदन के समक्ष प्रस्तुत किया. जिसके बाद राज्यसभा में यह ऐतिहासिक बिल पास हो गया।
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर हो रही वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 वोट पड़े. वोटिंग में कुल 230 वोट पड़े थे. शिवसेना ने वोटिंग प्रक्रिया से दूर रहने का फैसला लिया. अब नागरिकता विधेयक को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है. इसके बाद विधेयक पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा।
राज्यसभा में कुल सदस्य 245 हैं. लेकिन फिलहाल पांच सीटें रिक्त हैं. जिसके चलते राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 240 है. लेकिन स्वास्थ्य कारणों की वजह से 5 सांसद फिलहाल सदन की कार्यवाही से अनुपस्थित हैं. ऐसे में सदन के सदस्यों की कुल संख्या घट कर सिर्फ 235 रह गई. लेकिन वोटिंग में कुल 230 वोट ही पड़े जिस वजह से बिल आसानी से पारित हो गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल पेश करने के बाद कहा कि इस सदन के सामने एक ऐतिहासिक बिल लेकर आया हूं , इस बिल के जो प्रावधान हैं उससे लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा होगा. अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक रहते थे, उनके अधिकारों की सुरक्षा नहीं होती थी उन्हें वहां पर समानता का अधिकार नहीं मिला था.जो अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में आए, उन्हें यहां पर सुविधा नहीं मिली. पाकिस्तान में पहले 20 फीसदी अल्पसंख्यक थे, लेकिन आज 3 फीसदी ही बचे हैं. इस बिल के जरिए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को रियातत मिलेगी।