विश्वविद्यालय को तकनीकी व आर्थिक रूप से मजबूत करें छात्र: राष्ट्रपति

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एजेंसीं न्यूज
कानपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को दो दिनी कार्यक्रम में अपने गृह जनपद कानपुर पहुंचे हैं। पीएसआइटी में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के बाद वह कानपुर विश्वविद्यालय पहुंचे। जहां पर पुरातन छात्र सम््मेलन में शामिल होकर वह बेहद प्रसन्न थे। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय को एक लाख 11 हजार रुपया की राशि प्रदान की और पूर्व छात्रों से विश्वविद्यालय को तकनीकी तथा आर्थिक रूप से मजबूत करने की अपील की।
कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र सम्मेलन के अवसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खुद एंडोवमेंट फंड में 1,11000 रुपए देकर इसकी शुरुआत की और बाकी छात्रों को भी इसमें सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की नई शिक्षा नीति का लक्ष्य देश को नॉलेज सुपर पावर बनाना है। यह लक्ष्य तभी पूरा हो सकता है, जब शिक्षा संस्थानों को जिज्ञासा, प्रयोग और कौशल का केंद्र बनाया जाए।
उन्होंने बताया कि इसी महीने की 23 और 24 तारीख को नई दिल्ली में राज्यपालों और उपराज्यपाल के सम्मेलन में उच्चतर शिक्षा पर अलग से विशेष सत्र रखा गया था। सम्मेलन के दौरान मैंने खुद सभी राज्यपालों से आह्वान किया था कि चांसलर के रूप में विश्वविद्यालयों के संरक्षक का दायित्व निभाते हुए उन्हें हमारी उच्चतर शिक्षा संस्थाओं को शोध वह नवाचार का केंद्र बनाना है। उन्होंने बीते वर्ष कानपुर विश्वविद्यालय को प्रदेश में नंबर वन और देश में सत्यवीर रैंकिंग पाने के लिए बधाई दी इस दौरान उन्होंने कानपुर में अपने छात्र जीवन के बारे में भी बताया। इस दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति नीलिमा गुप्ता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने यूनिवर्सिटी को केंद्रीय दर्जा देने की मांग रखी।
पीएसआइटी में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि तकनीकी के क्षेत्र में कानपुर लगातार प्रगति की ओर बढ़ रहा है। कानपुर में आइआइटी, हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय व पीएसआईटी समेत कई तकनीकी संस्थान हैं जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स मशीन लर्निंग व साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। तकनीकी से प्रदूषण जैसी समस्याओं का समाधान संभव है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां के पीएसआईटी कॉलेज में रीसेंट एडवांसमेंट इन कंप्यूटर साइंस कम्युनिकेशन एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी विषय पर हुई इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में कहा कि आईआईटी कानपुर देश के सबसे पुराने आइआइटी में एक है। ऐसे संस्थान प्रदूषण व जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली समस्याओं का समाधान तलाश रहे हैं। कपड़ा व चर्म उद्योग में विश्व स्त्री पहचान बनाने वाला कानपुर आज तक तकनीकी के साथ प्रदूषण में भी बढ़ा है। तकनीकी के नुकसान व फायदे दोनों हैं।

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