एजेंसीं न्यूज
मुम्बई। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर लगातार चर्चाओं का बाजार गर्म है इस बीच एनसीपी और कांग्रेस के बीच शिवसेना को समर्थन देने को लेकर चर्चा हुई। यह चर्चा एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के घर पर हुई। इस चर्चा के खत्म होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि शुक्रवार को मुंबई में पहले एनसीपी के नेताओं से बात होगी। उसके बाद शिवसेना से हम बातचीत करेंगे।
चव्हाण ने कहा कि एनसीपी और कांग्रेस के बीच सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। सरकार गठन को लेकर दोनों दल में सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले हमारी जिन बातों पर सहमती थी उन्हीं मुद्दों को लेकर हम आगे बढ़ेंगे। पृथ्वीराज चव्हान ने साफ किया कि पहले हम आपस में बात करेंगे उसके बाद शिवसेना से बात होगी। शिवसेना से बातचीत करने के बाद ही सरकार गठन पर फाइनल फैसला होगा।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बातचीत की प्रक्रिया बृहस्पतिवार को पूरी हो गई और शुक्रवार को नयी सरकार के गठन एवं इसकी रूपरेखा के बारे में अंतिम निर्णय किया जा सकता है। दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा के बीच सभी मुद्दों पर बातचीत हो गई है और सहमति भी बन गई है। चव्हाण के मुताबिक अब दोनों पार्टियां शुक्रवार को मुंबई में अपने छोटे सहयोगी दलों और शिवसेना के साथ बातचीत करेंगी। उन्होंने कहा कि कल मुंबई में ही इस बारे में विचार होगा कि नयी सरकार का क्या स्वरूप होगा। सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को ही मुंबई में सरकार गठन तथा इसकी पूरी रूपरेखा के बारे में घोषणा की जा सकती है।
इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं। राकांपा की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले, अजीत पवार, जयंत पाटिल और नवाब मलिक शामिल हैं। इससे पहले कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार गठन के लिए आगे बढ़ने को लेकर बृहस्पतिवार को स्वीकृति प्रदान कर दी। कांग्रेस और राकांपा के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को भी मैराथन बैठक की थी और इसके बाद ऐलान किया था कि वे जल्द ही राज्य में शिवसेना के साथ मिलकर नयी सरकार का गठन करेंगे।गत 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से सरकार गठन को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था, लेकिन ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना के दावे के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए। इस चुनाव में भाजपा और शिवसेना 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस और राकांपा ने क्रमशरू 44 और 54 सीटें हासिल कीं।