बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति कर्नाटक में चंदन वन उगाने की तैयारी में

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गोपेश्वर। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति कर्नाटक में चंदन वन उगाने की तैयारी में है। यह कदम बदरी-केदार समेत समिति के अधीन आने वाले मंदिरों में पूजा के लिए प्रयोग होने वाले चंदन की किल्लत को देखते हुए उठाया जा रहा है। इसके लिए समिति की टीम 17 नवंबर के बाद कर्नाटक जाएगी। खास बात यह है कि चंदन के इस वन की देख-रेख का जिम्मा भी मंदिर समिति का ही होगा। हालांकि, इस पर आने वाला संपूर्ण खर्चा उद्योगपति मुकेश अंबानी उठाएंगे।
प्रतिवर्ष बदरीनाथ धाम में दो क्विंटल और केदारनाथ धाम में आधा क्विंटल चंदन की खपत होती है। इसकी खरीद कर्नाटक वन विभाग के माध्यम से की जाती है। बताया जा रहा कि बीते वर्षों से कर्नाटक वन विभाग को भी कतिपय कारणों से चंदन की पर्याप्त सप्लाई नहीं मिल रही। इसलिए बीते वर्ष पतंजलि योगपीठ से इसकी भरपाई करनी पड़ी।
इसी परेशानी को देखते हुए उद्योगपति मुकेश अंबानी के परिवार ने मंदिर समिति को कर्नाटक में चंदन वन के लिए भूमि खरीदने, इस वन के रखरखाव और अन्य खर्चों के लिए दान में देने की हामी भरी। मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह बताते हैं कि अंबानी परिवार भूमि क्रय करने के लिए लगातार समिति से संपर्क बनाए हुए है। उनकी टीम ने भी चंदन वन उगाने के लिए कर्नाटक में कई स्थानों पर भूमि देखी है।
बताया कि चंदन वन तैयार करने और उसकी देखरेख पर आने पर समस्त खर्चा अंबानी परिवार वहन करेगा। मंदिर समिति अपनी नाप भूमि में चंदन के पेड़ उगाकर वन नियमों के अनुसार पूजा उपयोग के लिए उन्हें बदरी-केदार धाम लाएगी।
मंदिर समिति के सीईओ ने बताया कि इससे प्रति वर्ष पूजा का चंदन क्रय करने के लिए टेंडर सहित अन्य प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना पड़ेगा। वहीं, जरूरत के हिसाब से मंदिर समिति खुद चंदन की सप्लाई मंगा सकती है।
बताया कि चंदन वन के लिए कर्नाटक में विंध्याचल मोगांबी देवी तीर्थ स्थल के पास भूमि देखी गई है। यहां पर मौसम अनुकूल होने के कारण चंदन के पेड़ों की ग्रोथ बेहतर है। इतना ही नहीं, यहां पर कुछ निजी लोगों की ओर से अपनी जमीन में पहले से ही चंदन की खेती की जा रही है।

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