देहरादून। फीस बढ़ोत्तरी के विरोध में कई दिन से आंदोलन कर रहे छात्रों की पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस ने घंटाघर जा रहे छात्रों को लैंसडौन चैक पर रोक लिया। इसे लेकर दोनों पक्षों में नोकझोंक होने लगी। पुलिस ने छात्रों पर काबू पाने के लिए उन्हें पीछे धकेला तो वे आक्रोशित हो गए। पुलिस ने किसी तरह छात्रों को समझाकर शांत कराया।
छात्र संघर्ष समिति और एनएसयूआइ पहली बार संयुक्त रूप से हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि का विरोध करने सड़क पर उतरे। छात्र-छात्राएं डीएवी चैक से घंटाघर के लिए निकले, जहां फीस बढ़ोत्तर के विरोध में राहगीरों से भीख मांगने का कार्यक्रम तय था।
जैसे ही पुलिस को इसकी भनक लगी उन्होंने लैंसडौन चैक पर बेरीकेडिंग लगा दी। यहां रोके जाने पर छात्र नेताओं की पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस ने आगे बढ़ रहे छात्रों को पीछे धकेल दिया। इससे छात्र आक्रोशित हो गए और नारेबाजी करने लगे। डीएवी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शुभम सिमल्टी, राहुल लारा, जितेंद्र सिंह बिष्ट, एनएसयूआइ के जिला अध्यक्ष सौरभ ममगाईं, विकास नेगी आदि ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया।
हालात बिगड़ते देख पुलिस ने छात्रों को समझाया और गांधी पार्क के आसपास प्रदर्शन करने की छूट दी। इसके बाद छात्रों ने गांधी पार्क के बाहर राहगीरों से भीख मांगी। छात्र संघर्ष समिति के संयोजक एवं डीएवी छात्र संघ अध्यक्ष निखिल शर्मा ने आरोप लगाया कि एचएनबी गढ़वाल विवि की अनदेखी से हजारों छात्रों का भविष्य संकट में है।
एक सप्ताह से दून के चार बड़े कॉलेज डीएवी, डीबीएस, एमकेपी और एसजीआरआर के 20 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं फीस बढ़ोत्तरी का विरोध कर रहे हैं। आंतरिक परीक्षाएं स्थगित हैं। इसके बावजूद विवि की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है।
इस मौके पर एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी, डीएवी पीजी कॉलेज छात्र संघ महासचिव नीरज चैहान, उपाध्यक्ष पारितोष सिंह, विवि प्रतिनिधि राजेश भट्ट, एनएसयूआइ छात्र नेता कपिल शर्मा, संदीप कुकरेती, सुमित कुमार, आशीष रावत, शशांक सती, उज्जवल, सूरज पंवार, पकंज रघुवंशी सहित अन्य छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।