एजेंसीं न्यूज
लखनऊ। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा, गोमती और सरयू नदियों में डुबकी लगाई। अयोध्या में सरयू के घाटों पर तड़के से ही लोगों की भीड़ एकत्र थी। लाउडस्पीकरों पर भजन बज रहे थे। आसपास के जिलों से आए कई श्रद्धालुओं ने सरयू के निकट कैम्पों में रात बिताई। राम जन्मभूमि मसले पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने के बाद अयोध्या में यह पहला धार्मिक समागम था।
लखनऊ में गोमती नदी के मनकामेश्वर घाट पर भी श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। प्रयागराज में संगम के तट पर भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। प्रयागराज स्थित ‘रामनाम बैंक’ और राम सेवा न्यास के संयोजक आशुतोष वार्ष्णेय ने पीटीआई-भाषा से हुई बातचीत में कार्तिक पूर्णिमा का महत्व बताया।
उन्होंने कहा, “यह कार्तिक मास की पूर्णिमा है। इसे देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। यानि ऐसी दीपावली जिसे देवता मनाते हैं। यह पर्व दिवाली के पंद्रह दिन बाद मनाया जाता है।” देव दीपावली पर गंगा के तट पर मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं।