डेंगू की प्रभावी रोकथाम में लापरवाही बरतने वाले चिकित्साधिकारी बख्शे नही जायेंगे: आयुक्त

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हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। आयुक्त मुरादाबाद मण्डल यषवन्त राव ने डेंगू व वैक्टर जनित रोगों की कमिष्नरी कार्यालय मंे आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए चिकित्साधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि डेंगू एवं वेक्टर जनित रोगों की प्रभावी रोकथाम में लापरवाही एवं षिथिलता बरतने वाले दोषी चिकित्साधिकारियों को बख्षा नही जायेगा और उनके विरुद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही सुनिष्चित की जाएगी।
मण्डलायुक्त ने समीक्षा में पाया कि मण्डल में डेंगू के सर्वाधिक 243 केस मुरादाबाद से संबंधित है तथा रामपुर में 43 केस, अमरोहा में 18 केस, बिजनौर में 16 केस तथा सम्भल के 3 केस प्रकाष में आये हैं। आयुक्त ने समीक्षा में पाया कि मुरादाबाद के नगरीय क्षेत्रों में पाए गये 156 केसो में से विषेषकर मुरादाबाद षहर की चक्कर की मिलक , काषीरामनगर, करुला एवं अगवानपुर क्षेत्रों से सर्वाधिक केस संबंधित है। उन्होंने इन सभी प्रभावित नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू की रोकथाम हेतु नियमित फागिंग एवं एंटी लार्वा स्प्रे कराने के भी अधिकारियों को निर्देष दिये।
बैठक में पाया गया कि पूरे मण्डल में डेंगू बुखार से मृत्यु की संख्या षून्य है चूंकि अब तक सभी प्रकरणों की मेडिकल आडिट जांच में घटित मृत्यु का कारण अन्य बीमारियां बताया गया है। कमिष्नर ने मण्डल के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देष दिये हैं कि डेंगू के जितने भी मरीज उनके जनपदों के चिकित्सालयों तथा प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सीय उपचार हेतु भर्ती हैं उन सभी मरीजों की समुचित जांच पड़ताल उपरान्त बेहतर चिकित्सीय उपचार एवं जीवन रक्षक औषधियां उपलब्ध कराना सुनिष्चित किया जाये।
बैठक में अपर निदेषक स्वास्थ्य सहित मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, अमरोहा एवं सम्भल जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारीगण, एसीएमओ आदि अधिकारीगण उपस्थित थे।
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बैठक में अपर निदेषक स्वास्थ्य ने बताया कि डेंगू बुखार एक आम संचारी रोग है जिसकी मुख्य विषेषताएं तीव्र बुखार, अत्यधिक शरीर दर्द तथा सिर दर्द है तथा व्यस्कों के मुकाबले बच्चों में इस बीमारी की तीव्रता अधिक होती है। उन्होंने बताया कि मलेरिया की तरह डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है तथा इन मच्छरों को एडीज मच्छर कहते हैं जो काफी ढीठ मच्छर है और दिन में भी काटते हैं। डेंगू बुखार से पीडित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस काफी मात्रा में होता है तथा जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस रोगी का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के षरीर में प्रवेष कर जाता है तथा मच्छर के ष्षरीर में डेंगू वायरस का कुछ और दिनों तक विकास होता है तथा जब डेंगू वायरसयुक्त मच्छर किसी अन्य स्वास्थ व्यक्ति को काटता है तो वह डेंगू वायरस को उस व्यक्ति के ष्षरीर मंे पहंुचा देता है। इस प्रकार वह व्यक्ति डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाता है तथा कुछ दिनों के बाद उसमें डेंगू बुखार रोग के लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
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समीक्षा बैठक में डेंगू बुखार की रोकथाम के संबंध में बताया गया कि एडीज मच्छरों का प्रजनन, (पनपना) रोकना तथा एडीज मच्छरों के काटने से बचाव ही एक मात्र उपाय है। अतः नागरिकगण मच्छरों के प्रजनन को रोकने हेतु अपने घरों एवं उसके आस-पास पानी एकत्रित न होने दें तथा गढ्डों को मिट्टी से भर दें तथा रुकी हुई नालियों की सफाई सहित पर्यावरण को स्वच्छ रखें। ऐसे कपड़े पहने जाये ताकि षरीर का अधिक से अधिक भाग ढका रहें जैसे फुल आस्तीन की षर्ट सहित घुटनों तक की हाफ पैन्ट के बजाय फुट पैन्ट तथा जूते, मोजो पहने रहना उचित होगा। डेंगू से बचाव हेतु रात में मच्छरदानी के प्रयोग पर बल देते हुए कहा गया कि डेंगू बुखार से ग्रस्त रोगी को बीमारी के षुरु के 6-7 दिनों में मच्छरदानी से ढके हुए विस्तर पर ही रखें, ताकि मच्छर उस रोगी तक न पहंुच पाये तथा इस उपाय से समाज के अन्य व्यक्तियों को डेंगू बुखार से बचाने में काफी सहायता मिलेगी। आम जन को यह भी सलाह दी गयी कि यदि उनको ऐसा लगे कि काफी व्यक्ति ऐसे बुखार से पीडित हैं जो डेंगू हो सकता है तो ष्षीघ्रातीषीघ्र स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी सूचना दें ताकि डेंगू बुखार को महामारी का रुपधारण करने से पहले ही आवष्यक कदम उठाकर नियंत्रित किया जा सकेगा।

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