हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। शहर की घनी आबादी के बीच लगे हुए मोबाइल टावर जबरदस्त रेडियेशन फैला रहे है। लोग इसके दुष्प्रभाव से अनजान है और अपने घर के आसपास मोबाइल टावर लगे होने के कारण इसकी हानिकारक तरंगों की जद में रहने को मजबूर है। मोबाइल टाॅवर कम्पनियां अपने रसूख के दम पर सारे नियमों को ताक पर रखकर घनी आबादी के बीचोबीच धड़ल्ले से मोबाइल टावर लगाती चली जा रहीं है जबकि सबकुछ जानते हुए प्रशासनिक अमला आंखे मूंदे हुए है। रजनीकांत की 2.0 में मोबाइल रेडियेशन के घातक प्रभावों को विस्तार से बताया और दिखाया गया था मगर इसके बावजूद भी लोग रेडियेशन के प्रति जागरूक नहीं है। शहर का शायद कोई ही मोहल्ला बचा हो जहां घनी आबादी के बीच मोबाइल टावर न लगे हों। चिकित्सकों के मुताबिक अत्याधिक रेडियेशन व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, अनिंद्रा, मस्तिष्क पर प्रभाव उत्पन्न करता है। जबकि गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं के लिए तो यह अत्यन्त हानिकारक है ही। जैसा कि 2.0 मूवी में दिखाया गया था कि रेडियेशन का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव पक्षियों पर पड़ता है। महानगर की आबोहवा में मोबाइल का रेडियेशन काफी हद तक बढ़ा हुआ है।