…..तो शहर के नामचीन होटलों में कुछ भी हो जाये प्रबंधन को कोई फिक्र नहीं बढ़ती आतंकी घटनाओं व दुष्कर्म की वारदातों के बाद भी नहीं चेत रहे होटल संचालक, कमाई के लिए होटल के कमरों में ऐसे घिनौने कृत्यों की जानकारी के बाद भी गूंगे बहरे बने रहते हैं

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मु0 रिज़वान
मुरादाबाद। महानगर के दिल्ली रोड स्थित एक प्रसिद्ध होटल में विगत दिनों 10वीं की नाबालिग छात्रा के साथ कई लोगों ने दुष्कर्म किया। उसे बहाने से बर्थडे पार्टी मंे बुलाया गया था और फिर शराब पिलाकर सिपाही समेत उसके साथियों ने रात भर उसके साथ गैंगरेप किया। इस पूरे मामले में सिपाही व एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। लखनऊ स्तर से रोजाना अपडेट ली जा रही है मगर साथ ही इस पूरे मामले में एक सवाल लोगो के जेहन में यह कौंध रहा है कि शहर के नामचीन होटलों में पैसा देकर कुछ भी किया जा सकता है। क्या होटल प्रबंधन की कोई जिम्मेदारी नहीं? एक नाबालिग छात्रा को कमरे में जबरन शराब पिलाकर बंधक बनाकर रात भर गैंगरेप किया जाता है और होटल प्रबंधन व स्टाफ को इसकी कोई भनक नहीं लगती। देखा जाये तो इस पूरे प्रकरण में गैंगरेप के आरोपियों के साथ साथ होटल प्रबंधन व स्टाफ भी दोषी है। क्योकि अपराध केा छिपाने वाला भी अपराधी ही होता है।
सवाल यह है कि होटल के एक कमरे में इतना बड़ा कांड कैसे हो गया। होटल में एंट्री करते समय गेट पर आगन्तुकों को पास दिया जाता है। इसके बावजूद होटल स्टाफ ने इस बात पर ध्यान क्यूं नहीं दिया कि नाबालिग छात्रा रात भर होटल के कमरे में क्यों रूकी हुई है। छात्रा के साथ रेप करने वालो की गतिविधियों पर होटल मैनेजर व स्टाफ को जरा भी शक नहीं हुआ जो वह पुलिस को सूचित कर देते। अगर इस कांड की जगह कोई आतंकवादी भी कमरा ले लेता और उस कमरे में कुछ भी करता तो क्या तो भी होटल प्रबंधन व स्टाफ की यही लापरवाही रहती। उन्हें पता ही नहीं कि उनके होटल के कमरो में क्या चल रहा है? कौन लोग ठहर रहे हैं? अगर इतनी ही लापरवाही से इतने बड़े नामचीन होटल चलाये जा रहे हैं तो फिर जिला प्रशासन को चाहिये कि ऐसे होटलों को सीज किया जाये ताकि होटल संचालकों की लापरवाही के चलते इस तरह के अपराध इन होटलों में न हो।

बुद्वबाजार के कई होटल बदनाम हैं अय्याशी के लिए
यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी महानगर के कई होटलो में सेक्स रैकेट पकड़े जा चुके है। बुद्धबाजार के कई होटल इस मामले में बदनाम है। आए दिन बुद्धबाजार के होटलों में कभी प्रेेमी जोड़ा अय्याशी करते हुए पकड़ा जाता है तो कभी सेक्स रैकेट के मामले भी पकड़ में आये है। इन घटनाओं से साफ जाहिर है कि सबकुछ होटल संचालकों की मिलीभगत से हो रहा है। कमाई के चक्कर में होटल संचालक अपने होटल के कमरों में कोई भी घिनौना कृत्य करवाने के लिए तैयार रहते है। पुलिस प्रशासन को चाहिये कि समय-समय पर महानगर के होटलेां की अचानक किसी भी समय चेकिंग करे और रजिस्टर चेक करने के साथ साथ कमरों को भी चेक करे कि कौन लोग रूके हुए हैं और क्यों रूके हुए है। पुलिस की लगातार इस चेकिंग से होटल संचालक संदिग्ध लोगों को कमरा देने से बाज आयेंगे। बुद्धबाजार के कई होटल अय्याशी के लिए बदनाम है। इन पर भी सख्ती की आवश्यकता है।

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