बिजली चोरी क्या खाक रूकेगी जब विभागीय कर्मचारी ही बिजली विभाग को चूना लगाने में लगे हों। मीटर रीडर द्वारा हर घर से 20-20 रूपये हर महीने रीडिंग के दौरान लिये जाते हैं। क्या इस बात का बिजली अधिकारियांे को पता नहीं है। अभी 5-6 दिन पहले असालतपुरा क्षेत्र में बिजली विभाग के एक आलाधिकारी ने खुद मीटर रीडर पर इस तरह के आरोप लगाते हुए उसे सरेआम झाड़ लगाई थी और रीडिंग की क्रास चेकिंग भी की थी। आखिर मीटर रीडर किस बात के 20-20 रूपये लेते हैं? यह सब बिजली चोरी को बढ़ावा दिया जा रहा है।