मु0 रिज़वान
मुरादाबाद। विद्युत विभाग का सारा ध्यान बकाया वसूलने और बिजली चोरी पकड़ने तक ही सीमित है। अपनी खामियों पर वह पूरी तरह पर्दा डाले हुए है भले ही किसी की जान जाती है तो चली जाये मगर हादसों के बाद चेतना शायद सरकारी मशीनरी की फितरत बन चुकी है।
लगभग दो वर्ष पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी जुहैर बिन सगीर ने विद्युत विभाग को सख्ती से आदेश दिये थे कि जनपद में कोई भी ट्रांसफार्मर बिना कवर्ड के न रखा हुआ नजर आये। खुले में रखे ट्रांसफार्मर के कारण अक्सर हादसे हो जाते है। जिलाधिकारी के आदेशों का थोड़ा बहुत पालन हुआ और कुछेक स्थानों पर ट्रांसफार्मरों को कवर्ड कर दिया गया। परन्तु आज भी कई स्थानों पर बिना कवर्ड के रखे ट्रांसफार्मर हादसों को दावत दे रहे है। असालतपुरा के पत्थर का चैराहा पर तथा सीधी सराय फसियो में बिना कवर्ड के खुले ट्रांसफार्मर रखे हुए है। यहां से सुबह से रात तक हजारों लोग गुजरते हैं स्कूली बच्चों का आवागमन होता है और अक्सर ट्रैफिक जाम भी यहां लगता है। अगर ऐसे में खुले में रखे ट्रांसफार्मर के कारण कोई हादसा हो जाये तो जिम्मेदारी किसकी होगी? सीधी सराय के लोगों ने बताया कि असालतपुरा बिजलीघर पर सैकड़ों बार इस बारे में बता चुके हैं मगर आज तक इस खुले में रखे ट्रांसफार्मर को कवर्ड नहीं किया गया।
लगता है बिजली विभाग के अधिकारी किसी बड़े हादसे का इन्तजार कर रहे हैं उसके बाद ही खुले में रखे ट्रांसफार्मरों को कवर्ड किया जायेगा। बिजली विभाग की इस लापरवाही के कारण कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है।