जानिए बजट पर और क्या बोले सीएम योगी

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’92 हजार युवाओं को नौकरी, 4 नए एक्सप्रेस वे’, जानिए बजट पर और क्या बोले सीएम योगी
उत्तर प्रदेश में बजट के ऐलान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में चार नए एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था और बेहतर होगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बजट के ऐलान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कई बड़े ऐलान किए और बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए उनकी सरकार क्या कर रही है। सीएम योगी ने कहा “यह हमारा लगातार नौंवा बजट है। यह वर्ष हमारे लिए महत्वपूर्ण है। यह देश के संविधान के लागू होने और उत्तरप्रदेश स्थापना का अमृत महोत्सव वर्ष है। प्रदेश के रोडमैप को बनाने के लिए यह महत्वपूर्ण बजट है।” इस दौरान उन्होंने 92 हजार युवाओं को नौकरी देने और 58 स्मार्ट सिटी बनाने का भी ऐलान किया।
सीएम योगी ने बताया कि लखनऊ में बाबा साहेब अंबेडकर के लिए सरकार स्मारक केंद्र बनवा रही है। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में चार नए एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे। इससे यूपी सहित अन्य राज्य के लोगों को भी फायदा मिलेगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले सारे बजट की अलग-अलग थीम थी। योगी सरकार के हर बजट का एक लक्ष्य था।
2017 में पहला बजट अन्नदाता किसानों को समर्पित था।
2018-19 का बजट उत्तरप्रदेश के बीमारू राज्य से उबारकर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण औद्योगिक विकास को समर्पित था।
2019 का बजट महिला सशक्तिकरण को समर्पित था,महिला उत्थान के लिए हमने कई कार्य शुरू किए।
2020 का बजट उत्तरप्रदेश के युवाओं और रोजगार को समर्पित था,इसमे 2 करोड़ युवाओ को तकनीकी माध्यम से सशक्त बनाने के कार्य किये।
2021 का बजट स्वावलंबन से सशक्तिकरण की ओर था,आत्मनिर्भरता के लक्ष्य पूर्ति के लिए था।
2022 का बजट अंत्योदय से आत्मनिर्भरता को समर्पित था।
2023 का बजट प्रदेश में आत्मनिर्भर को सुदृढ करने वाला था।
2024 का बजट रामराज्य को संकलिप्त था,पहली बार 65 करोड़ पर्यटक प्रदेश मे आये।
2025 का बजट भारत की सनातन संस्कृति को समर्पित है, महिला गरीब युवा कल्याण को समर्पित है, इसका केंद्रीय भाव ‘वंचित को वरीयता’ है।
सीएम योगी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातें
प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफआरबीएम एक्ट में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है। नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रण्ट रनर (अग्रणी) राज्य की श्रेणी में रखा गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इण्डेक्स में 8.9 अंकों का इजाफा हुआ है। व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है, वर्ष 2018 से 13 की अवधि में पूंजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के बीच रहा। इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा।
विगत 08 वर्षों में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। प्रदेश में रोजगार की सम्भावनाएं बढ़ीं हैं, नये रोजगार सृजित हुए हैं। लगातार प्रयासों के फलस्वरूप पिछले 08 वर्षों में प्रदेश को लगभग 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं जिसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरे जा चुके हैं और 60 लाख नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं।
बजट में व्यय की नई मदों हेतु 28 हजार 478 करोड़ 34 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। अवस्थापना विकास के लिये 01 लाख 79 हजार 131 करोड़ 04 लाख रुपये प्रस्तावित हैं। यह कुल बजट का 22 प्रतिशत है। इसमें ऊर्जा क्षेत्र के लिये 61,070 करोड़ रुपये से अधिक, सिंचाई के लिये 21,340 करोड़ रुपये से अधिक, भारी एवं मध्यम उद्योग के लिये लगभग 24 हजार करोड़ रुपये, नगर विकास के लिये 25,308 करोड़ रुपये से अधिक, आवास एवं शहरी नियोजन के लिये 7,403 करोड़ रुपये से अधिक तथा नागरिक उड्डयन के लिये 3,152 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
शिक्षा क्षेत्र के लिये 1,06,360 करोड़ रुपये से अधिक प्रस्तावित हैं। यह कुल बजट का 13 फीसदी है। शिक्षा पर इतना व्यय करने वाला उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है।
कृषि क्षेत्र के अन्तर्गत कृषि, उद्यान, पशुधन, दुग्ध, मत्स्य, सहकारिता, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति के लिये कुल लगभग 89,353 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। यह कुल बजट का 11 प्रतिशत है।
चिकित्सा क्षेत्र के अन्तर्गत चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये 50,550 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान है। यह कुल बजट का 6 प्रतिशत है। केंद्रीय बजट में प्रत्येक जनपद में कैंसर डे केयर सेंटर घोषित है। इसमें उत्तरप्रदेश सरकार ने भी हर जनपद में सेंटर बनाने की ओर कदम बढ़ाया है। प्रदेश के सभी होमगार्डस, पीआरडी जवान, ग्राम चौकीदार, शिक्षामित्र, बेसिक शिक्षा विभाग के अनुदेशक एवं मानदेय के आधार पर कार्य करने हेतु वाले कार्मिकों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत 05 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा का लाभ दिया जाएगा।
चार नये एक्सप्रेस-वेज के निर्माण का प्राविधान है। इसमें (1) आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया, जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे (2) गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चन्दौली होते हुए सोनभद्र से जोड़ते हुए विन्ध्य एक्सप्रेस-वे (3) मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे तथा (4) बुन्देलखण्ड रीवा एक्सप्रेस-वे के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है। प्रयागराज में दो नए पुलों के निर्माण की आवश्यकता है। दो नए पुल बनाए जाएंगे। एक शास्त्री ब्रिज के साथ और दूसरा नैनी ब्रिज के साथ।
समाज कल्याण, जिसमें सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, महिला एवं बाल कल्याण के लिये 35,863 करोड़ रुपये से अधिक की व्यवस्था। यह कुल बजट का 4 प्रतिशत है।
निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों के विवाह के लिये कुल 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
सामाजिक पेंशन के लिये कुल 13,648 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान।
प्रदेश को आर्टिफिशियल इण्टेलीजेंस के क्षेत्र में एक हब के रूप में विकसित करने के लिए लखनऊ में आर्टिफिशियल इण्टेलीजेंस सिटी की स्थापना तथा साइबर सिक्योरिटी में टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रांसलेशन पार्क की नयी योजना बजट में शामिल है।
सभी मण्डल मुख्यालयों पर विकास प्राधिकरणों /नगर निकायों द्वारा कन्वेंशन सेण्टर का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए धनराशि का प्रावधान किया गया। पहले चरण में कमिश्नरी मुख्यालय पर धनराशि का प्रावधान किया गया है।
ग्राम पंचायतों में वैवाहिक उत्सव एवं अन्य सामाजिक आयोजनों हेतु उत्सव भवन निर्माण की योजना पर कार्य किया जाएगा। इससे रोजगार का सृजन भी होगा।