स्पेस डॉकिंग, महाकुंभ, चुनाव आयोग… इन मुद्दों पर PM मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में की चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी रविवार को इस साल का पहला ‘मन की बात’ कार्यक्रम को संबोधित किया। यह इस रेडियो प्रसारण का 118वां एपिसोड है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए साल की शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी रविवार को पहला ‘मन की बात’ कार्यक्रम को संबोधित किया। यह इस रेडियो प्रसारण का 118वां एपिसोड है। आमतौर पर यह कार्यक्रम महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होता है, लेकिन इस बार आखिरी रविवार को 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस है। ऐसे में पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को एक हफ्ते पहले प्रसारित किया गया।”इस वर्ष संविधान लागू होने के 75 साल”
‘मन की बात’ कार्यक्रम के 118वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं।। इस बार का गणतंत्र दिवस बहुत विशेष है। ये भारतीय गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ है। इस वर्ष संविधान लागू होने के 75 साल हो रहे हैं। मैं संविधान सभा के उन सभी महान व्यक्तित्व को नमन करता हूं, जिन्होंने हमें हमारा पवित्र संविधान दिया। संविधान सभा के दौरान अनेक विषयों पर लंबी-लंबी चर्चाएं हुईं। वो चर्चाएं संविधान सभा के सदस्यों के विचार, उनकी वाणी हमारी बहुत बड़ी धरोहर है। आज मन की बात में मेरा प्रयास है कि आपको कुछ महान नेताओं की ऑरिजनल आवाज सुनाऊं। जब संविधान सभा ने अपना काम शुरू किया तो बाबा साहेब अंबेडकर ने परस्पर सहयोग को लेकर बहुत महत्वपूर्ण बात कही थी। बाबा साहेब इस बात पर जोर दे रहे थे कि संविधान सभा एक साथ, एक मत और मिलकर सभी के हित के लिए काम करे।” इस दौरान पीएम मोदी ने बाबा साहेब अंबेडकर, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की ऑडियो क्लिप सुनाई। चुनाव आयोग को लेकर बोले पीएम
पीएम मोदी ने कहा, “25 जनवरी को नेशनल वोटर्स डे है। ये दिन इसलिए अहम है, क्योंकि इस दिन ‘भारतीय निर्वाचन आयोग’ की स्थापना हुई थी। हमारे संविधान निर्माताओं ने संविधान में हमारे चुनाव आयोग को लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी को बहुत बड़ा स्थान दिया है। मैं चुनाव आयोग का भी धन्यवाद दूंगा, जिसने समय-समय पर हमारी मतदान प्रक्रिया को आधुनिक बनाया है, मजबूत किया है। आयोग ने जन-शक्ति को और शक्ति देने के लिए तकनीक की शक्ति का उपयोग किया। मैं चुनाव आयोग को निष्पक्ष चुनाव के उनके कमिटमेंट के लिए बधाई देता हूं।”महाकुंभ पर क्या बोले प्रधानमंत्री?’मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, “प्रयागराज में महाकुंभ का श्रीगणेश हो चुका है। अकल्पनीय दृश्य और समता-समरसता का असाधारण संगम, इस बार कुंभ में कई दिव्य योग भी बन रहे हैं। कुंभ का ये उत्सव विविधता में एकता का उत्सव मनाता है। संगम की रेती पर पूरे भारत के, पूरे विश्व के लोग जुटते हैं। हजारों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में कहीं भी कोई भेदभाव नहीं, जातिवाद नहीं। ‘कुंभ’, ‘पुष्करम’ और ‘गंगा सागर मेला’- हमारे ये पर्व, हमारे सामाजिक मेल-जोल को, सद्भाव को, एकता को बढ़ाने वाले पर्व हैं। ये पर्व भारत के लोगों को भारत की परंपराओं से जोड़ते हैं।”सेटेलाइट्स डॉकिंग की उपलब्धिकार्यक्रम में पीएम ने कहा, “मुझे ये बताते हुए गर्व है कि एक भारतीय किया है। यहपीएम मोदी ने बताया, “असम में एक जगह है ‘नौगांव’। ‘नौगांव’ हमारे देश की महान विभूति श्रीमंत शंकरदेव जी का जन्म स्थान भी है। ये जगह बहुत ही सुंदर है। यहां हाथियों का भी एक बड़ा ठिकाना है। इस क्षेत्र में कई घटनाएं देखी जा रही थीं, जहां हाथियों के झुंड फसलों को बर्बाद कर देते थे, जिससे किसान परेशान रहते थे। इससे आस-पास के करीब 100 गांवों के लोग बहुत परेशान थे, लेकिन गांव वाले, हाथियों की भी मजबूरी समझते थे। इसलिए गांव वालों ने इसका समाधान निकालने की सोची। गावं वालों की एक टीम बनी, जिसका नाम था ‘हाथी बंधु’। हाथी बंधुओं ने सूझ-बूझ दिखाते हुए करीब 800 बीघा बंजर भूमि पर एक अनूठी कोशिश की। यहां गांववालों ने आपस में मिलजुल कर लगाई। इस घास को हाथी बहुत पसंद करते हैं। इसका असर ये हुआ कि हाथियों ने खेतों की ओर जाना कम कर दिया।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, “कुछ दिन पहले ही इंडिया के 9 साल पूरे हुए हैं। हमारे देश में जितने 9 साल में बने हैं उनमें से आधे से ज्यादा शहरों से हैं और जब यह सुनते हैं तो हर हिंदुस्तानी का दिल खुश हो जाता है, यानी हमारा
उन्होंने कहा, “हमारी संस्कृति और विरासत हमें आस-पास के पशु-पक्षियों के साथ प्यार से रहना सिखाती है। ये हम सभी के लिए बहुत खुशी की बात है कि बीते दो महीनों में हमारे देश में दो नए टाइगर रिजर्व जुड़े हैं। इनमें से एक छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व और दूसरा मध्य प्रदेश में रातापानी टाइगर रिजर्व है।” वहीं, कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बताया, दीपक नाबाम जी ने सेवा की अनूठी मिसाल पेश की है। दीपक जी यहां लिविंग होम चलाते हैं। जहां मानसिक रूप से बीमार, शरीर से असमर्थ लोगों और बुजुर्गों की सेवा की जाती है। यहां पर Drugs की लत के शिकार लोगों की देख-भाल की जाती है।”
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने बताया, “निकोबार जिले में वर्जिन नारियल का तेल को हाल ही में मिला है। के बाद एक और नई पहल हुई है। इस तेल के उत्पादन से जुड़ी महिलाओं को संगठित कर self help group बनाए जा रहे हैं। उन्हें मार्केटिंग और ब्रांडिंग की स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ये हमारे आदिवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
उन्होंने कहा, “23 जनवरी यानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म-जयंती को अब हम ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाते हैं। उनके शौर्य से जुड़ी इस गाथा में भी उनके पराक्रम की झलक मिलती है। कुछ साल पहले मैं उनके उसी घर में गया था, जहां से वे अंग्रेजों को चकमा देकर निकले थे। उनकी वो कार अब भी वहां मौजूद है। वो अनुभव मेरे लिए बहुत ही विशेष रहा। सुभाष बाबू एक विजनरी थे। साहस तो उनके स्वभाव में रचा-बसा था। इतना ही नहीं, वे बहुत कुशल प्रशासक भी थे।”