टीएमयू में ईडी अक्षत जैन ने किया पेंटिंग प्रदर्शनी-परम्परा का शुभारम्भ

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ख़ास बातें
देव के चित्रों में जीवंतता की झलक: एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर
श्री रविन्द्र देव बोले, वाश तकनीक चुनिंदा कलाकारों तक सिमटी
वाश पेंटिंग एवं वाटर कलर के 41 चित्रों का किया डिसप्ले
04 दिसंबर तक अवलोकनार्थ खुली रहेगी यह एकल प्रदर्शनी

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद में कॉलेज ऑफ फाइन आर्टस के प्रिंसिपल श्री रविन्द्र देव की यूनिवर्सिटी में फर्स्ट एकल प्रदर्शनी- परम्परा का एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन ने बतौर मुख्य अतिथि फीटा काटकर शुभारम्भ किया। इंडोर स्टेडियम के द्वितीय तल पर फाइन आर्टस कॉलेज में तीन दिनी प्रदर्शनी में लुप्त होती वाश पेंटिंग एवं वाटर कलर तकनीक के 41 चित्रों का डिसप्ले किया गया है। इनमें 25 वाश पेंटिंग और 16 वाटर कलर पेंटिंग हैं। कला प्रेमियों के अवलोकनार्थ यह आर्ट गैलरी प्रातः 09 बजे से 04 बजे तक खुली रहेगी। इस सुअवसर पर कॉलेज के प्राचार्य श्री रविन्द्र देव आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रही। यूनिवर्सिटी में इस समय कॉलेज ऑफ फाइन आर्टस की ओर से बीएफए और एमएफए के संग-संग पीएचडी की डिग्री भी फाइन आर्टस में प्रदान की जा रही है। प्रदर्शनी देखने वालों में श्रीमती नीलिमा जैन, डॉ. अमित कंसल, डॉ. वैभव रस्तोगी आदि भी शामिल रहे।

एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन ने वाश पेंटिंग एवं वाटर कलर तकनीक के चित्रों को न केवल निहारते रहे, बल्कि प्रदर्शनी के सीनियर चित्रकार श्री देव से भी कुछ सवाल करके इस कला के प्रति अपडेट हुए। एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री जैन बोले, श्री देव के चित्रों में जीवंतता की झलक है। कहा, यह हम सबकी जिम्मेदारी है, कि हम वाश पेंटिंग कला को जीवित रखें। कला प्रदर्शनी में लुप्त हुई वाश पेंटिंग के 25 चित्रों का चित्रांकन हैं, जिसमें शिव तपस्या के संग-संग साधु-संतों आदि का चित्रण शामिल है। साथ ही 16 वाटर कलर पेंटिंग लैंडस्केप, कम्पोजिशन और पशु-पक्षियों पर आधारित हैं। प्रदर्शनी में स्त्री चित्रण मुख्य आकर्षण का केन्द्र हैं, जिसमें नारी के विभिन्न रूपों को पेपर पर उभारा गया है। प्रदर्शनी का उदेश्य स्टुडेंट्स और फैकल्टीज़ को वाश पेंटिंग और वाटर कलर पेंटिंग के प्रति प्रेरित करना है। यह प्रदर्शनी कला जगत में काम करने वालों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनेगी। श्री देव कहते हैं, वाश तकनीक में गिने-चुने कलाकार ही काम कर रहे हैं, जिनमें वे एक हैं।