मुंबा देवी-देवघर-केदारनाथ जैसी धार्मिक स्थलों वाली सीटों पर किसे मिली जीत, यहां जानें

6
Share

मुंबा देवी-देवघर-केदारनाथ जैसी धार्मिक स्थलों वाली सीटों पर किसे मिली जीत, यहां जानें
झारखंड की देवघर, महाराष्ट्र की मुंबा देवी, उत्तराखंड की केदारनाथ जैसी धार्मिक स्थलों वाली सीटों पर किस पार्टी की जीत मिल रही है। आइए जानते हैं। झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम कई सीटों पर घोषित कर दिए गए हैं जबकि कुछ सीटों पर मतगणना पूरी होने वाली है। इसके अलावा 15 राज्यों की 46 सीटों पर भी रिजल्ट घोषित कर दिए गए हैं। इनमें कुछ सीटें धार्मिक स्थलों वाली भी हैं। जैसे- झारखंड की देवघर, महाराष्ट्र की मुंबा देवी, उत्तराखंड की केदारनाथ सीट। इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि धार्मिक स्थलों वाली सीटों पर किस पार्टी और किस उम्मीदवार को जीत मिली है। सबसे पहले आपको उत्तराखंड की केदारनाथ सीट पर हुए उपचुनाव के रिजल्ट की जानकारी देते हैं। केदारनाथ सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की है। प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। ऐसे में यहां की जनता बीजेपी के साथ जाना पसंद की। बीजेपी की आशा नौटियाल ने कांग्रेस उम्मीदवार मनोज रावत को 5622 वोटों से हराया। तीसरे नंबर पर निर्दलीय त्रिभुवन सिंह रहे जिन्हें 9311 वोट मिले। त्रिभुवन पहली बार चुनाव लड़े थे। इससे पहले बीजेपी बद्रीनाथ उपचुनाव हार गई थी। इसलिए यह सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई थी।
झारखंड के देवघर जिले को भगवान शंकर की धरती कहा जाता है। यह हिंदुओं का सबसे पवित्र स्थान है। देवघर को बैद्यनाथ धाम और बाबा धाम के नाम से भी जाना जाता है। इसे देवगढ़ भी कहा जाता है। यह भगवान शिव के बारह शिव ज्योतिर्लिंगों में से एक है। देवघर विधानसभा सीट पर इंडिया गठबंधन को जीत मिली है। आरजेडी उम्मीदवार सुरेश पासवान 39721 वोटों से बीजेपी को हराया। देवघर से बीजेपी उम्मीदवार नारायण दास को कुल 116358 वोट मिले जबकि आरलेडी को 156079 मत मिले। तीसरे नंबर पर निर्दलीय और चौथे नंबर पर बसपा रही।
मुंबई के भूलेश्वर में स्थित मुंबा देवी मंदिर हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थान है। मुंबा देवी विधानसभा सीट पर कांग्रेस के अमीन पटेल को जीत मिली है। कांग्रेस उम्मीदवार अमीन पटेल ने शिवसेना उम्मीदवार शाइना एनसी को 34844 वोटों से हराया। शाइना एनसी बीजेपी की कद्दावर नेता रही हैं। सीट बंटवारे में मुंबा देवी सीट एकनाथ शिंदे के खाते में चली गई थी। वह चुनाव से ऐन वक्त पर शिवसेना में शामिल हुई और टिकट भी मिल गया था।