अखिलेश के झूठ का पर्दाफाश, योगी राज में 207 एनकाउंटर, यादवों से ज्यादा ठाकुर-ब्राह्मण मारे गए
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश में कुल 207 लोगों का एनकाउंटर किया गया है। खास बात यह है कि सबसे ज्यादा 66 अपराधियों का एनकाउंटर मेरठ जोन में हुआ है, जहां के डीआईजी कुलदीप नारायण यादव हैं।
उत्तर प्रदेश में अपराधियों के एनकाउंटर को लेकर बहस हमेशा ही गर्म रहती है। कुछ समय पहले समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने आरोप लगाए थे कि यूपी पुलिस जाति देखकर एनकाउंटर करती है। उन्होंने यह भी कहा था कि यादव समाज के लोगों का जान-बूझकर एनकाउंटर किया जा रहा है। हालांकि, यूपी पुलिस के आंकड़े अलग ही कहानी बयां करते हैं, जो अखिलेश के झूठ का पर्दाफाश करती है।
योगी आदित्यनाथ 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। वर्ष 2017 से लेकर अब तक इन सात वर्षों में यूपी में कुल 12,525 मुठभेड़ हुई हैं। इसमें 207 अपराधी और माफिया मारे गए और 6 हजार से अधिक घायल हुए। 207 में सबसे अधिक 66 अपराधी मेरठ जोन में मारे गए हैं। मेरठ जोन में इन पूरे ऑपरेशन की जिम्मेदारी मौजूदा डीआईजी एसटीएफ कुलदीप नारायण यादव ने संभाली है, जबकि वाराणसी जोन में 21 और आगरा जोन में 16 अपराधी पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में ढेर हुए हैं। 2017 से अब तक सात वर्षों में अपराधियों से मोर्चा लेते हुए 17 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं, जबकि 1500 घायल हुए हैं। मुठभेड़ में मारे गए 207 अपराधियों की जाति ढूंढी गई और आरोप लगे कि पुलिस और खासकर एसटीएफ कुछ विशेष जाति व धर्म के लोगों को टारगेट कर रही है, जबकि उससे गंभीर मुकदमों में वांछित अपराधियों को अभय दान दिया जा रहा है। हालांकि, जब यूपी पुलिस के आंकड़ों में देखा गया कि वर्ष 2017 से अब तक हुई मुठभेड़ में मारे गए 207 अपराधियों में किस जाति के कितने अपराधी ढेर किए गए हैं तो हकीकत कुछ और ही निकली।
यूपी में अब तक हुई मुठभेड़ में सबसे अधिक मुस्लिम अपराधी ढेर किए गए है, जिनकी संख्या 67 है। इसमें अतीक का बेटा असद, शूटर उस्मान चौधरी भी शामिल हैं। वहीं विकास दुबे, उसके साथ अमर दुबे समेत 20 अपराधी ब्राह्मण और 18 ठाकुर अपराधी शामिल हैं। जिस यादव जाति पर सियासी उबाल उठा हुआ है वह चौथे स्थान में है। यादव जाति के 16 अपराधी मुठभेड़ में ढेर हुए हैं। जिसमें बीते दिनों मथुरा में ढेर किया गया कुख्यात पंकज यादव और सुल्तानपुर कांड में शामिल मंगेश यादव भी शामिल हैं। इसके अलावा 17 गुर्जर व जाट, 14 दलित, 3 अनसूचित जन जाति, 2 सिख , 8 अन्य ओबीसी और 42 अन्य जाति धर्म के अपराधी शामिल हैं।