यूपी में सियासी उठा पटक के बीच साथ दिखेंगे सीएम योगी व केशव मौर्या
लखनऊ में पिछड़ा वर्ग मोर्चा कार्यसमिति की बैठक होने वाली है, ऐसे में सीएम योगी व केशव मौर्या दोनों को इस मीटिंग का न्योता दिया गया है। माना जा रहा कि सीएम योगी व केशव मौर्या बैठक में एक साथ नजर आ सकते हैं।
यूपी में बीजेपी में सियासी उठा पटक के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक मंच पर नजर आ सकते हैं। बीजेपी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा कार्यसमिति की लखनऊ में 29 जुलाई को बैठक होने जा रही है। इसी बैठक के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या दोनों को न्योता दिया गया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीज़ों के बाद यूपी बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।ये दूरी भी कुछ मौकों पर देखने को मिला। बता दें कि लोकसभा रिजल्ट आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के लोकभवन में मंत्रियों की बैठक बुलाई थी, पर उसमें केशव प्रसाद मौर्या नहीं पहुंचे। साथ ही 14 जुलाई को बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या एक मंच पर दिखे लेकिन केशव मौर्या ने मंच से कह दिया कि संगठन सरकार से बड़ा होता है।कार्यसमिति की बैठक से पहले दिल्ली में दिख सकते हैं साथ कहा जा रहा है कि पिछड़ा वर्ग मोर्चा कार्यसमिति की बैठक से पहले दिल्ली में योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्या साथ-साथ एक मंच दिखेंगे। दिल्ली में बीजेपी शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों की बैठक होने जा रही है जिसमें पीएम मोदी मौजूद होंगे।आकंड़ों से समझें ओबीसी वोट की ताकत
यूपी में बीजेपी को 2014, 2019 के लोकसभा चुनावों और 2017, 2022 के विधानसभा चुनाव में गैर-यादव ओबीसी वोट का बड़ा हिस्सा मिला लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का ये वोट बैंक काफी खिसक गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 80 फीसदी कुर्मी वोट मिला था, जो 2024 में कम होकर 61 फीसदी रह गया। जबकि इंडिया अलायंस का कुर्मी वोट 14 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी हो गया। इसके अलावा बीजेपी को 2019 में पिछड़ी जातियों का वोट 72 फीसदी मिला था जो घटकर 59 फीसदी हो गया। इस दौरान इंडिया गठबन्धन का अन्य पिछड़ी जाति का वोट 18 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी हो गया।कार्यसमिति की बैठक में कमियां पर चर्चा
बीजेपी पिछड़ा वर्ग कार्यसमिति की बैठक में इस पर चर्चा होगी और जो कमियां है उन्हें दूर करने की कोशिश की जाएगी। यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वहीं, 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में ओबीसी वोटर 2024 का रुख बीजेपी के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।