JNU में हो रहा राम मंदिर का विरोध, बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने की मांग
जेएनयू में भाषा अध्ययन केंद्र की दीवार पर लाल रंग में लिखा गया है- ‘Rebuild Babri Masjid’। खास बात ये भी है कि इस स्लोगन के ठीक बगल में NSUI भी लिखा है जो कि कांग्रेस की स्टूडेंट विंग है। हालांकि, NSUI ने इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है।
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोरों पर चल रही है। लेकिन राम मंदिर के उद्घाटन से पहले दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक बार फिर बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा करने की कोशिश की गई है। यहां पर भाषा अध्ययन केंद्र की दीवार पर विवादित स्लोगन लिखा गया है। स्लोगन में बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाए जाने की बात लिखी गई है। इस मामले पर काफी विवाद देखने को मिल रहा है।
जेएनयू में भाषा अध्ययन केंद्र की दीवार पर लाल रंग में लिखा गया है- ‘Rebuild Babri Masjid, 6 December’। वहीं, इस स्लोगन के ठीक बगल में NSUI भी लिखा है। अब आरोप लग रहा है कि NSUI द्वारा इस तरह से विवाद खड़ा करने की कोशिश की गई है। हालांकि, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एनएसयूआई के अध्यक्ष सुधांशु शेखर ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा है कि इस तरह के विवाद से उनके संगठन का कोई लेना-देना नहीं है।
सुधांशु शेखर ने कहा कि एनएसयूआई इस तरह के कभी विवाद में नहीं पड़ती है। यह सिर्फ संगठन को बदनाम करने की साजिश रची गई है। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन इसकी जांच करके जो भी दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई करें। सुधांशु शेखर का कहना है कि इस दीवार पर ब्लैक रंग से काफी पहले NSUI के द्वारा पेंटिंग कराई गई थी और अक्सर इस तरह की पेंटिंग NSUI के द्वारा कराई जाती रही है।
विश्वविद्यालय के NSUI के अध्यक्ष सुधांशु शेखर ने कहा कि इस दीवार पर महात्मा गांधी, भगत सिंह और इंदिरा गांधी की तस्वीर की पेंटिंग कराई गई थी। यह पूरी पेंटिंग और NSUI ब्लैक कलर में लिखा हुआ है जबकि यह विवादित स्लोगन लाल रंग से लिखा गया है। बुधवार रात में किसी व्यक्ति के द्वारा इस तरह के विवाद खड़े करने की कोशिश की गई है जिससे एनएसयूआई का कोई लेना देना नहीं है।