भारत की पिनाका मिसाइल से घबराया पाकिस्तान का दोस्त देश, आर्मीनिया को पहुंच गई पहली खेप
भारत के पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम से अजरबेजान घबराया हुआ है। अजरबैजानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने राजधानी बाकू में भारतीय राजदूत से मिलकर आर्मेनिया के साथ भारत के बढ़ते सैन्य सहयोग पर चिंताओं से अवगत कराया है। तुर्की, पाकिस्तान और अजरबैजान की नापाक साजिश के शिकार आर्मीनिया को भारत की पिनाका मिसाइल मिल गई है। इससे आर्मीनिया का दुश्मन अजरबेजान घबरा गया है। अजरबेजान कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का समर्थन और भारत का विरोध करता है। ऐसे में आर्मीनिया को खतरनाक पिनाका मिसाइल की खेप भारत से मिलने पर अजरबेजान में घबराहट फैल गई है। हालत यह हो गई कि अजरबेजान ने भारतीय राजदूत को बुलाकर आर्मीनिया के साथ भारत के बढ़ते सैन्य सहयोग पर चिंताओं से अवगत कराया है। साथ ही राजदूत के माध्यम से पीएम मोदी से भी गुहार लगाई गई है।
भारत के पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम से अजरबेजान घबराया हुआ है। अजरबैजानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने राजधानी बाकू में भारतीय राजदूत से मिलकर आर्मेनिया के साथ भारत के बढ़ते सैन्य सहयोग पर चिंताओं से अवगत कराया है। उन्होंने इसे भारत की विदेश नीति से असंगत भी बताया है। पिनाका की 40 किमी की मारक क्षमता, ईरान के रास्ते पहुंची आर्मीनिया
अजरबैजानी मीडिया का दावा है कि भारत के पहले स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम पिनाका की पहली खेप ईरान के रास्ते आर्मेनिया पहुंच गई है। भारत ने आर्मेनिया को पिनाका की जो वेरिएंट सप्लाई की है, वो 40 किलोमीटर तक मार कर सकती है।आर्मेनिया-अजरबैजान में है पुरानी दुश्मनी
आर्मीनिया और अजरबेजान की दुश्मनी आज की नहीं बल्कि पुरानी है। दोनों देश 2020 में नागोर्नो काराबाख को लेकर तीन महीने तक जोरदार जंग भी लड़ चुके हैं। इस युद्ध में इजरायली और तुर्की के हथियारों के दम पर अजरबेजान ने आर्मीनिया को शिकस्त दी थी। बाद में रूस की मध्यस्थता से युद्ध विराम हुआ। हालांकि इसके बाद भी आर्मेनिया और अजरबैजान में कई बार सैन्य झड़प हो चुकी है। ऐसे में आर्मेनिया ने यूक्रेन युद्ध में उलझे रूस का साथ छोड़कर बाहरी देशों से हथियार खरीदने की कोशिश की है। यही कारण है कि आर्मीनिया ने भारती की पिनाका मिसाइल की खरीद की है। ईरान के रास्ते आर्मीनिया पहुंची भारतीय पिनाका
अजरबैजान में भारतीय पिनाका मिसाइल और अन्य हथियारों का जखीरा ईरान में बंदर अब्बास बंदरगाह के माध्यम से आर्मीनिया ले जाया जा रहा था। अजरबैजान के विदेश नीति विभाग के प्रमुख हिकमत हाजीयेव ने भारत और आर्मीनिया के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग के बारे में चिंता व्यक्त करने के लिए भारतीय राजनयिक श्रीधरन मधुसूदनन से मुलाकात की है।