एजेंसी समाचार
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में शहरी और स्थानीय निकाय चुनाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. कोर्ट में सुनवाई के बाद अब निकाय चुनाव और टलने की संभावना है. अब यूपी निकाय चुनाव के मामले पर अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी. हालांकि ओबीसी आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए गठित आयोग ने अंतिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप चुका है.
सुप्रीम कोर्ट में यूपी के नगर निकाय चुनाव के मामले में शुक्रवार को सुनवाई टल गई. सुनवाई टलने के साथ ही ये तय हो गया है कि अब निकाय चुनाव में और देरी होगी. हालांकि अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी. हालांकि पहले ही ओबीसी आरक्षण के मुद्दे की जांच के लिए गठित आयोग ने अंतिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप चुका है. दरअसल, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चार जनवरी, 2023 को ओबीसी आरक्षण दिए बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर रोक लगा दिया था.
कोर्ट के आदेश के बाद होगा नोटिफिकेशन – अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही यूपी मे स्थानीय निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी हो पाएगा. दूसरी ओर राज्य में निकाय चुनाव को लेकर वार्डों के वोटरों की लिस्ट तैयार कर निर्वाचन को भेज दी गई है. दूसरी ओर बीते दिनों आरक्षण को लेकर गठित पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी थी. वहीं सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद कैबिनेट ने आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी थी. बता दें कि यूपी में 760 नगर निकायों पर चुनाव होने वाले हैं. इसमें मेयर, नगर पालिका-नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षद की सीट शामिल है. हालांकि बीते साल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव को लेकर फैसला दिया था. जिसके बाद कोर्ट के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी. तमाम राजनीतिक पार्टियां हाईकोर्ट के फैसले से खुश नहीं थी. एजेंसी