एजेंसी समाचार
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे के सदन में दिए गए भाषण के कुछ शब्दों को आज सदन की कार्यवाही से हटा लिया गया है। खरगे के कुछ शब्दों को कार्यवाही से हटाने के बाद कांग्रेस के सांसदों द्वारा सदन में हंगामा किया गया और इसपर आपत्ति भी जताई गई। इस मामले पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने प्वाइंठ आॅफ आॅर्डर उठाने के दौरान चर्चा में सभापति से कहा कि शेरों शायरी तो प्यार मोहब्बत के साथ होती है या प्यार मोहब्बत से शायरी होती है। इसके बाद उन्होंने सदन के सभापति से पूछ लिया कि आपको कितनी बार प्यार हुआ है। तिवारी ने कहा कि सर आपको कितनी बार प्यार हुआ है, यह बता दीजिए। बता दें कि इसके बाद सभापति द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया और सभापति भी मुस्कुराने लगें। इसके बाद तिवारी ने कहा कि जब याद आ जाए तो बता दीजिएगा कि आपने कितनी बार प्यार-मोहब्बत से शायरी की है।
शुक्रवार के दिन राज्यसभा में विपक्ष ने एक के बाद एक अड़ानी मामले पर सवाल किए। संयुक्त पार्लियामेंट्री कमिटी द्वारा जांच की मांग भी की। कांग्रेस सांसदों ने सभापति से यह भी मांग की कि मलिकार्जुन खरगे के भाषण से जो अंश निकाले गए हैं उन्हें कार्रवाई में शामिल किया जाए। मांग पूरी न होने पर राज्यसभा में कांग्रेस सासंदों द्वारा खूब हंगामा किया गया। इसके बाद कांग्रेस सांसदों ने संसद से वॉकआउट कर लिया। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति से कहा कि आपने हमारे भाषण के अंश निकाले हैं। आप मेरी सदस्याता को खारिज कर दीजिएगा, लेकिन मैं अपने दिल की बात अवश्य कहूंगा।
इस पूरे प्रकरण को लेकर भाजपा सांसदों द्वारा राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे से मांफी की मांग की गई। इस मामले पर सत्तापक्ष का कहना था कि जब तक खरगे गुरुवार को कांग्रेस सदस्यों द्वारा किए गए व्यहार के लिए मापी नहीं मांगते तबतक खरगे को नहीं बोलने दिया जाएगा। बता दें कि गुरुवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पीच के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा नारेबाजी की जा रही थी और विपक्षी सांसदों के भाषण के दौरान मोदी मोदी के नारे लग रहे थें। इसके बाद जब फिर से भाजपा सांसद बोलने के लिए खड़े हुए तो विपक्षी सांसदों द्वारा वी वांट जेपीसी के नारे लगाए गए।
राज्यसभा में हुए हंगामें पर सभापति जगदीप धनखड़ ने वेल में आकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सांसदों को अपनी सीट पर वापस जाकर बैठने की अपील की। बता दें कि इस दौरान लगातार विपक्षी सांसदों द्वारा वी वांट जेपीसी के नारे लगाए जा रहे हैं। इसके बाद सभापति द्वारा कांग्रेस के कुछ सांसदों को कार्यवाही से बाहर करने के लिए नेम किया गया। हालांकि बाद में सभापति के कहने पर कांग्रेस सांसद वापस अपनी अपनी सीटों पर जाकर बैठ गए।