मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष सोमवार को ‘अयोध्या महायोजना-2031’ का प्रस्तुतीकरण किया गया

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास को लेकर दिए कई निर्देश, अधिकारियों के सामने रखी ये बात
अयोध्या को ‘हरित अयोध्या’ के रूप में विकसित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सरयू नदी में चलने वाली नाव, स्टीमर इत्यादि हरित ईंधन पर आधारित हों।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अयोध्या के सर्वांगीण विकास एवं विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या की तरफ पूरा देश व दुनिया देख रही है इसलिए सभी अधिकारी पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए अयोध्या को विकास पथ पर अग्रसर करें।
अयोध्या के चौराहों का नामकरण होगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष सोमवार को ‘अयोध्या महायोजना-2031’ का प्रस्तुतीकरण किया गया। आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप धर्म नगरी अयोध्या का समग्र विकास प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने अयोध्या महायोजना को 84 कोस की शास्त्रीय सीमा तक विस्तारित करने के भी निर्देश दिये। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में चौराहों का नामकरण यहां की पौराणिक स्मृतियों व परम्पराओं से जुड़े महान चरित्रों के आधार पर किया जाए।
प्रदूषण रहित क्षेत्र बनाना
उन्होंने अयोध्या को ‘हरित अयोध्या’ के रूप में विकसित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सरयू नदी में चलने वाली नाव, स्टीमर इत्यादि हरित ईंधन पर आधारित हों। साथ ही कहा कि श्रीराम जन्मभूमि परिसर के आसपास के क्षेत्र तथा पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में पर्यावरण अनुकूल वाहनों के संचालन को बढ़ावा दिया जाए, जिससे यह क्षेत्र प्रदूषण रहित रहे। इसके अलावा यूपी सरकार अयोध्या को भारत की अहम धार्मिक नगरी बनाने के तैयारी में जुटी है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी अयोध्या के विकास पर सीधे नजर बनाए हुए हैं। वहीं मंदिर निर्माण की बात करें तो सरकार का लक्ष्य है कि इसे 2024 तक पूरा किया जा सकें।

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