यूपी के तीन जिलों में बाढ़ से बिगड़े हालात, 607 गांव चपेट में, सात की गई जान

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लखनऊ

मुसीबत बनी बारिश से उफनाई राप्ती नदी श्रावस्ती व बलरामपुर जिले में कहर बरपा रही है। इन दोनों ही जिलों के साथ ही बहराइच में उफनाई सरयू का पानी अब तक 607 गांवों को अपनी चपेट में ले चुका है। इस दौरान श्रावस्ती में बाढ़ के पानी की चपेट में आकर शनिवार को चार और बहराइच में तीन लोगों की डूब जाने से मौत हो गई। दूसरी तरफ बलरामपुर के ललिया थाना क्षेत्र के शेखनपुरवा गांव में शनिवार दोपहर को बाढ़ के पानी के तेज बहाव में तीन किशोर बह गए। गांव के लोगों ने किसी तरह कोशिश कर एक को तो डूबने से बचा लिया जबकि दो किशोर अभी तक लापता हैं।

राप्ती में आई बाढ़ ने श्रावस्ती जिले के 122 गांव के दो लाख लोगों को प्रभावित किया है। इनमें से प्रशासन ने अब तक 7,238 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। इस बाढ़ में करीब 93,151 हेक्टेअर भूमि की फसल भी प्रभावित हुई है। राप्ती में आई बाढ़ ने इस बार अपने कई रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। इसके चलते नदी शनिवार दोपहर 12 बजे तक नदी अपने उच्चतम जलबिंदु स्तर 129.95 मीटर पर पहुंच गई।

इस दौरान सोनवा थाना क्षेत्र के ग्राम मध्यनगर निवासिनी जमीला पत्नी इसराइल की अचानक पानी में गिरने से डूब कर मौत हो गई। भिनगा कोतवाली क्षेत्र के केशवापुर निवासी दद्दन (42) पुत्र रामतीर्थ की बाढ़ के पानी में बहने और ग्राम दुर्गापुर केपी निवासी बृजलाल (40) पुत्र भूखन की रास्ता पार करते समय डूब जाने से मौत हो गई। सभी शवों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भिनगा भेजा गया है। वहीं इकौना के जानकी नगर खुर्द निवासी बड़ेलाल (25) पुत्र समयदीन की मौत सांप के डंसने से हुई।

उफनाई राप्ती नदी के पानी ने बलरामपुर शहर समेत 355 गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। इनमें से करीब 150 गांव टापू बन गए हैं। नेशनल हाइवे 730 पर भी पानी आने से हल्के वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है। बचाव के लिए एसडीआरएफ व पीएसी के साथ ही एनडीआरएफ को भी बुला लिया गया है। शनिवार को ललिया थाना क्षेत्र के शेखनपुरवा गांव में शनिवार दोपहर बाढ़ के पानी में नहाते समय आलम (17), दिलदार (15) तथा जीशान (13) अचानक तेज बहाव में बह गए। आसपास के लोगों ने प्रयास कर दिलदार को तो सुरक्षित बाहर निकाल लिया। मगर आलम और जीशान लापता हैं।

दूसरी तरफ गायघाट व खैरीघाट(बहराइच) में सरयू नदी ने रौद्र स्वरूप धारण कर रखा है। लिया है। नेपाल के पहाड़ों पर लगातार ही रही बारिश के कारण बैराजों से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी के कारण मिहींपुरवा तहसील के 80 से अधिक गांव व मजरे भी बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। वहीं नानपारा व महसी तहसील के 50 से अधिक गांवों व मजरों को भी बाढ़ के पानी ने अपने आगोश में ले लिया है। मिहींपुरवा की ग्राम पंचायत कुड़वा के मजरा कल्लूगौढ़ी निवासी मिलन (52) भी शनिवार को तालाब के पास पानी के तेज बहाव में बह गया जबकि महसी के रामगांव थाना क्षेत्र निवासी एक युवक की मौत हो गयी। कैसरगंज थाना अंतर्गत ग्राम बढौली के मजरे परानापुर टेपरा में भी शनिवार की सुबह शौच के लिए गई एक युवती की तालाब में डूबकर मौत हो गई।

उफनाई नदी के पानी से बरेली से दिल्ली को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर रायबोझा के पास स्थित पुल भी शनिवार भोर में अचानक धंस गया। इसकी जानकारी पर पहुंचे जिला व पुलिस के अधिकारियों ने आवागमन को रोक कर मरम्मत कार्य शुरू कराया। पुल क्षतिग्रस्त होने से बहराइच व लखीमपुर की ओर दोनों तरफ वाहनों का कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। बाराबंकी में भी सरयू नदी परे उफान पर है। नदी का पानी खतरे के निशान से 36 सेमी ऊपर पहुंचने के बाद भी लगातार बढ़ ही रहा है। हालात बिगड़ने से नदी के तेज बहाव में आने से सात मकान बह गए वहीं तीन दर्जन से अधिक गांवों में नदी का पानी भर गया है।

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