अयोध्या पहुंची 40 फीट लंबी वीणा, लता मंगेशकर चौक पर की जाएगी स्थापित

89
Share

अयोध्या पहुंची 40 फीट लंबी वीणा, लता मंगेशकर चौक पर की जाएगी स्थापित
वीणा को प्रसिद्ध नया घाट क्रॉसिंग पर स्थापित किया जाएगा, जिसका नाम बदलकर भारत रत्न से सम्मानित दिवंगत लता मंगेशकर के नाम पर रखा गया है। दिवाली की पूर्व संध्या पर सीएम योगी कर सकते हैं उद्घाटनलताजी के नाम पर क्रॉसिंग का नाम बदलने का साधु संतों ने किया था विरोध40 फीट लंबी ऊंची और 14 टन वजन वाली वीणा
40 फीट लंबी ऊंची और 14 टन वजन वाली वीणा तीन दिनों के सफर के बाद नोएडा से अयोध्या पहुंच गई है। इसे शहर के लता मंगेशकर स्मृति चौक पर स्थापित किया जाना है। वीणा को मूर्तिकार राम वनजी सुतार ने डिजाइन किया है, जिन्होंने गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी‘ यानी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा को डिजाइन किया था। राम सुतार भी अपने बेटे के साथ अयोध्या पहुंच चुके हैं। वीणा को प्रसिद्ध नया घाट क्रॉसिंग पर स्थापित किया जाएगा, जिसका नाम बदलकर भारत रत्न से सम्मानित दिवंगत लता मंगेशकर के नाम पर रखा गया है। नोएडा स्थित वास्तुकार रंजन मोहंती ने स्मृति चौक को डिजाइन किया है, जहां लता मंगेशकर द्वारा गाए गए प्रसिद्ध भजन भी बजाए जाएंगे।
दिवाली की पूर्व संध्या पर सीएम योगी कर सकते हैं उद्घाटन
योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस परियोजना में तेजी लाई है और 7.9 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इस परियोजना के इसी महीने पूरा होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस साल अक्टूबर में दिवाली की पूर्व संध्या पर अयोध्या में दीपोत्सव समारोह में क्रॉसिंग का उद्घाटन कर सकते हैं। अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा, नया घाट ट्राई क्रॉसिंग पर लता मंगेशकर स्मृति चौक का निर्माण कार्य जारी है। सरकार ने परियोजना के लिए 7.9 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
लताजी के नाम पर क्रॉसिंग का नाम बदलने का साधु संतों ने किया था विरोध
मुख्यमंत्री ने इस साल 6 फरवरी को लता मंगेशकर के निधन के बाद उनकी याद में एक प्रमुख अयोध्या क्रॉसिंग का नाम बदलने की घोषणा की थी। प्रारंभ में, अयोध्या के संतों ने लता मंगेशकर के नाम पर क्रॉसिंग का नाम बदलने का विरोध किया था। इसके बजाय वे चाहते थे कि नया घाट क्रॉसिंग का नाम जगतगुरु रामानंदाचार्य के नाम पर रखा जाए।
सीम योगी ने ये दिया था आश्वासन
योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या में अन्य स्थानों और सड़कों का नाम प्रमुख संतों के नाम पर रखने का आश्वासन दिए जाने के बाद संतों ने अपना विरोध वापस लिया।

LEAVE A REPLY