PNB की बड़ी लापरवाही, बैंक में ही गल गए 42 लाख के नोट

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PNB की बड़ी लापरवाही, बैंक में ही गल गए 42 लाख के नोट
मामले में देवी शंकर, वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट को सस्पेंड किया गया है। वे तबादला होकर 25 जुलाई को ही आए थे जबकि चेस्ट में रुपये के गलने की घटना इसके पहले की है। सूत्रों के मुताबिक, इसके अलावा तीन अन्य अफसर भी सस्पेंड किए गए।
वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट सहित 4 अफसर सस्पेंडचेस्ट में क्षमता से दोगुनी ज्यादा रकम भरी है
उत्तर प्रदेश में PNB बैंक के एक शाखा की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। कानपुर में पंजाब नेशनल बैंक की पांडु नगर शाखा की करेंसी चेस्ट में रखे 42 लाख रुपये सीलन से गल गए। बैंक के आला अधिकारियों ने किसी को इस मामले की भनक तक नहीं लगने दी, लेकिन जुलाई के अंत में RBI ने जब करेंसी चेस्ट का ऑडिट किया, तो मामला सामने आ गया। ऑडिट में यह रकम इतनी बड़ी नहीं थी। बाद में गिनती कराई गई तो 42 लाख रुपये की करेंसी नोट के सीलन में गलने का खुलासा हुआ। इस मामले में वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट देवी शंकर सहित 4 अफसरों को सस्पेंड किया गया है। इनमें से तीन अफसर हाल में तबादला होकर यहां आए थे। बैंक अफसर इस बाबत कुछ बोलने से बच रहे हैं लेकिन रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में नोट सड़ने का खुलासा कर दिया गया है।
RBI के अफसरों ने 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक शाखा की करेंसी चेस्ट की चेकिंग की थी। इसके बाद उन्होंने 14,74,500 रुपये कम होने और अधिकतम और न्यूनतम रकम में 10 लाख का अंतर होने की रिपोर्ट दी थी। साथ ही 10 रुपये के 79 बंडल और 20 रुपये के 49 बंडल खराब होने की जानकारी दी थी। सूत्रों के अनुसार, हफ्तों बाद नोटों की गिनती कराई गई। इसमें पता चला कि 42 लाख रुपये के नोट गल गए हैं। मामले में देवी शंकर, वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट को सस्पेंड किया गया है। वे तबादला होकर 25 जुलाई को ही आए थे जबकि चेस्ट में रुपये के गलने की घटना इसके पहले की है। सूत्रों के मुताबिक, इसके अलावा तीन अन्य अफसर भी सस्पेंड किए गए। इनमें से भी 2 ने इसी साल जून और जुलाई में बैंक में चार्ज संभाला था।
करेंसी चेस्ट में क्षमता से दोगुनी ज्यादा रकम भरी गई
पांडुनगर में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में ही मुख्य करेंसी चेस्ट है। बैंक सूत्रों के मुताबिक चेस्ट में क्षमता से दोगुनी ज्यादा रकम भरी है। इस वजह से कैश रखने के निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया गया। करीब तीन महीने पहले फर्श में रखे बॉक्स में पानी चला गया और सीलन की वजह से नीचे रखे नोट सड़ गए। आरबीआई ने हाल में इस चेस्ट का निरीक्षण किया तो नोट सड़े मिले। तभी से सड़ गए नोटों की वास्तविक संख्या जानने के लिए जांच चल रही थी। शुरुआती गिनती में बैंक को मामला दो-चार लाख का ही लगा लेकिन गिनती खत्म होते-होते यह रकम 42 लाख तक पहुंच गई।
नमी होने की वजह से सड़ गए नोट
खबरों के मुताबिक, करेंसी चेस्ट में नोटों को बक्सों में ही भरकर जगह-जगह रख दिया गया। बड़ी तिजोरी में नोट नहीं रखे गए। पांडु नगर चेस्ट करेंसी अंडरग्राउंड है। यहां पर कंक्रीट से दीवार बनी है। सूत्रों ने बताया कि नया कैश आता रहा होगा और पुराने बक्से पीछे खिसकाए जाते रहे। ज्यादा समय हो जाने और जगह-जगह नमी होने की वजह से 42 लाख के नोट गल गए।
क्लीन करेंसी पर सवाल
जानकारों के मुताबिक यदि नोट खराब होते हैं तो RBI के नियमों के मुताबिक उन्हें नष्ट किया जाता है और नई करेंसी जारी की जाती है। इस मामले में हर नियम की अनदेखी की गई। नोटों के बक्सों को जमीन पर रखा गया। क्षमता से ज्यादा नोटों के बक्से रखे गए। नोट सड़ने से यह संकेत मिलते हैं कि चेस्ट में नोटों की नियमित गिनती नहीं होती है।

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