पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हो सकती है

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पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हो सकती है मुलाकात2023 में एससीओ का नेतृत्व करेगा भारतसाल के अंत में UNSC का अध्यक्ष बनेगा भारत
SCO Summit: उज्बेकिस्तान के समरकंद में आज से शुरू होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। यूक्रेन जंग छिड़ने के बाद दोनों की आमने-सामने की यह पहली बैठक होगी। इसके अलावा मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं। इस दौरान कई रणनीतिक मुद्दों, एशिया प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, संयुक्त राष्ट्र और जी-20 देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। बैठक से पहले क्रेमलिन ने यह जानकारी दी है। दोनों नेता की मुलाकात समरकंद में 15-16 सितंबर तक आयोजित होने वाले एससीओ राष्ट्राध्यक्षों के 22वें सम्मेलन के इतर होगी। रूसी सरकारी समाचार एजेंसी तास ने राष्ट्रपति के सहायक अधिकारी यूरी उशाकोव के हवाले से बताया, इस मुलाकात में वैश्विक एजेंडे पर भी मोदी के साथ बातचीत होगी।भारत दिसंबर में UNSC का बनेगा अध्यक्ष
उशाकोव ने पत्रकारों से कहा, यह वार्ता खासतौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष होगा और 2023 में एससीओ का नेतृत्व करने के अलावा जी-20 समूह का भी अध्यक्ष होगा। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने फिलहाल मोदी-पुतिन के बीच बैठक की पुष्टि नहीं की है। रविवार को मंत्रालय ने पीएम के दौरे की घोषणा कर कहा था कि वह एससीओ शिखर सम्मेलन से अलग कुछ द्विपक्षीय बैठकों में भाग ले सकते हैं। इससे पहले, पुतिन और मोदी ने एक जुलाई को फोन पर बात की थी। इस दौरान उन्होंने दिसंबर 2021 दौरे के दौरान लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा की। यूक्रेन पर हमले के बाद भी 24 फरवरी को मोदी और पुतिन के बीच बात हुई थी।
आर्थिक रिश्तों पर जोर
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समरकंद में विभिन्न देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोजेव के साथ उनकी अलग से बैठक होनी है। इस दौरान द्विपक्षीय रिश्तों पर बातचीत होगी। उज्बेकिस्तान में भारतीय राजदूत मनीष प्रभात ने बताया कि एससीओ देशों के बीच आर्थिक सहयोग महत्वपूर्ण है।
कोरोना के बाद पहली बार मिलेंगे मोदी, शी और पुतिन
एससीओ की बैठक में कोरोना के प्रकोप के बाद दुनिया के 8 राष्ट्राध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से शामिल होंगे। 15-16 सितंबर को प्रस्तावित बैठक से अलग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आमने-सामने बात कर सकते हैं।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बैठक में शामिल होने की घोषणा काफी देर बाद हुई। दो साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद यह पहला मौका होगा, जब शी चीन से बाहर किसी विदेश यात्रा पर जाएंगे। जनवरी-2020 के बाद से वह कजाखिस्तान की पहली आधिकारिक यात्रा भी करेंगे और वहीं से पड़ोसी देश उज्बेकिस्तान जाएंगे। चीन ने उनके कार्यक्रम को गुप्त रखा है। हालांकि बैठक से अलग उनके मोदी या पुतिन से मिलने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
मीटिंग से पहले पूर्वी लद्दाख से सेनाएं हटाई
इस मीटिंग से ठीक पहले चीन ने भारत के पूर्वी लद्दाख में पेट्रोल प्वाइंट (PP) 15 के गोगरा और हॉट स्प्रिंग से सेनाएं हटाई हैं। इससे माना जा रहा है कि मोदी और शी की बैठक हो सकती है। समरकंद में ईरान को औपचारिक रूप से संगठन में प्रवेश दिया जाएगा। भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य बने थे। सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ईरान भारत में होने वाली अगली बैठक में भाग लेगा।
अजरबैजान-आर्मेनिया के राष्ट्राध्यक्ष भी होगें शामिल
समरकंद बैठक में ईरान, मंगोलिया, तुर्कमेनिस्तान और इन दिनों भीषण सैन्य लड़ाई में उलझे अजरबैजान व आर्मेनिया के राष्ट्राध्यक्ष भी आएंगे। इससे बैठक का और भी अधिक महत्वपूर्ण बन गया है। एससीओ की पिछली बैठक कोविड के कारण 2020 की मॉस्को बैठक वर्चुअली हुई। 2021 की दुशांबे बैठक हाईब्रिड मोड में हुई थी। एससीओ की स्थापना जून 2021 में हुई थी। इसमें 6 स्थायी सदस्य चीन, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान थे।

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