कंगाल पाकिस्तान भारत से अच्छे संबंधों में देख रहा अपना हित, लेकिन हिचकिचाहट भी

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,पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत के साथ ‘रिजल्ट ​ओरिएंटेड’ बातचीत करना चाहता है लेकिन इस तरह की बातचीत के लिए माहौल अनुकूल नहीं है।
कंगाली की हालत से गुजर रहा पाकिस्तान दुनियाभर के अमीर देशों और वैश्विक बैंकों से कर्ज लेने के लिए हमेशा कटोरा तैयार रखता है। कहीं से कर्ज मिलता है, तो कहीं से मना कर दिया जाता है। भारत के साथ वह अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही कारोबार बंद किए हुए है। ऐसे में उस पर यह दबाव भी है कि वह भारत के साथ कारोबार शुरू करके कुछ आर्थिक लाभ पा सके, लेकिन वह अब हिचकिचा रहा है। यही कारण है कि वह कहने लगा है कि भारत के साथ बातचीत करना चाहते हैं, लेकिन माहौल अनुकूल नहीं है।
भारत के साथ ‘रिजल्ट ​ओरिएंटेड’ बातचीत करना चाहता है पाक
पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत के साथ ‘रिजल्ट ​ओरिएंटेड’ बातचीत करना चाहता है लेकिन इस तरह की बातचीत के लिए माहौल अनुकूल नहीं है। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार अहमद ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की हाल की टिप्पणियों के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हम सामान्य संबंध चाहते हैं लेकिन आतंकवाद के लिए साहिष्णुता की सीमा बहुत कम है। हमारे विरोधी की पसंद के अनुसार शांति और युद्ध नहीं हो सकता, हम यह फैसला लेंगे कि कब, किसके साथ और किन शर्तों पर बातचीत करनी है।’’जम्मू कश्मीर मुद्दे पर आगे बढ़ सकती है बात’प्रवक्ता ने कहा कि भारत समेत पड़ोसियों के साथ दोस्ती के संबंध रखना और ‘रिजल्ट ओरिएंटेड बातचीत के जरिए सभी मुद्दों को हल करना पाकिस्तान का हमेशा से मकसद रहा है। बातचीत से खासतौर से जम्मू कश्मीर विवाद जैसे मुद्दों पर बात आगे बढ़ सकती है।बिलावल भी दे चुके अच्छे संबंधों की दुहाई पाकिस्तान भारत के साथ संबंधों की बातें दबी जुबां से जरूर बोल रहा है, लेकिन भारत के साथ अच्छे और कारोबारी संबंध रखने से उसे आर्थिक लाभ होंगे, ये बात वो जानता है। दरअसल, हाल ही में बिलावल ने भारत के साथ संबंध बहाली की जोरदार वकालत की थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया में पहले ही अलग-थलग पड़ा हुआ है, ऐसे में भारत के साथ रिश्ते तोड़ना मुल्क के लिए कहीं से फायदेमंद नहीं होगा। इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ हालिया घटनाओं की वजह से भारत के साथ जुड़ाव नामुमकिन भले ही न हो, लेकिन मुश्किल जरूर है। बिलावल की ये बातें इशारा करती है कि कंगाल पाकिस्तान को अब भारत के साथ संबंधों में ही प्रगति की कुछ उम्मीद दिखाई दे रही है।

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