भारत के अमनदीप सिंह गिल बने यूएन प्रमुख के प्रौद्योगिकी दूत
वे वर्ष 2016 से 2018 तक जिनेवा में निरस्त्रीकरण सम्मेलन में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि भी थे। साथ ही गिल डिजिटल सहयोग (2018-2019) में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उच्च स्तरीय पैनल के कार्यकारी निदेशक और सह-प्रमुख के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं।
गिल 1992 में भारतीय राजनयिक के रूप में काम कर रहे हैंवे यूएन प्रमुख के उच्च स्तरीय पैनल के कार्यकारी निदेशक और सह-प्रमुख भी रहे हैंवह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में विजिटिंग स्कॉलर भी रह चुके हैं
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीयों राजनयिकों का डंका लगातार बज रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासंघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने शुक्रवार को वरिष्ठ भारतीय राजनयिक अमनदीप सिंह गिल को प्रौद्योगिकी के लिए अपना दूत नियुक्त किया है।
एंटोनियो गुटेरस ने नव नियुक्त तकनीकी राजदूत की सराहना करते हुए कहा, “उनके पास डिजिटल प्रौद्योगिकियों का गहन ज्ञान है। इसके अलावा वे डिजिटल टेक्नालोजी की जबरदस्त समझ रखते हैं। वे डिजिटल प्रौद्योगिकी पर एक विचारशील व्यक्ति हैं।”
जिनेवा में निरस्त्रीकरण सम्मेलन में थे भारत के स्थाई प्रतिनिधि
अमनदीप गिल ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ इंटरनेशनल एंड डेवलपमेंट स्टडीज, जेनेवा में स्थित इंटरनेशनल डिजिटल हेल्थ एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च कोलैबोरेटिव (I-DAIR) प्रोजेक्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। साथ ही वे वर्ष 2016 से 2018 तक जिनेवा में निरस्त्रीकरण सम्मेलन में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि भी थे। साथ ही गिल डिजिटल सहयोग (2018-2019) में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उच्च स्तरीय पैनल के कार्यकारी निदेशक और सह-प्रमुख के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं।
पंजाब विश्वविद्यालय से की है पढाई
अमनदीप सिंह गिल ने किंग्स कॉलेज, लंदन से बहुपक्षीय मंचों में परमाणु शिक्षा में पीएचडी, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से इलेक्ट्रॉनिक्स और विद्युत संचार में प्रौद्योगिकी स्नातक और जिनेवा विश्वविद्यालय से फ्रेंच इतिहास और भाषा में उन्नत डिप्लोमा की पढ़ाई की है। वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में विजिटिंग स्कॉलर भी रह चुके हैं। जिसेक बाद वह वर्ष 1992 में भारतीय राजनयिक के रूप में काम कर रहे हैं।