क्या अरब देशों की नाराजगी के चलते निलंबित हुए नवीन जिंदल और नुपुर शर्मा, जानें क्या है हकीकत?
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के बाद शिवलिंग मिलने से देशभर में सियासत गरमाई हुई है। अब इस मामले में भाजपा ने नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि भाजपा ने यह कदम अरब देशों की नाराजगी के बाद उठाया।
पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणी को विवादों में घिरी नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल को भाजपा ने रविवार (पांच जून) को पार्टी से निलंबित कर दिया। इसके बाद नुपुर ने माफीनामा भी जारी किया और अपने परिवार को खतरा होने की बात भी कही। इन सबके बीच एक और चर्चा शुरू हो चुकी है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि भाजपा ने नवीन जिंदल और नुपुर शर्मा को निलंबित करने का फैसला अरब देशों की नाराजगी के बाद लिया गया। कतर एमओएफए ने भी कतर विदेश मामलों के मंत्रालय ने भारतीय राजदूत डॉ. दीपक मित्तल को तलब किया और उन्हें एक आधिकारिक नोट सौंपा, जिसमें पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भारत में सत्तारूढ़ दल के एक अधिकारी द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी की निराशा, पूर्ण अस्वीकृति और निंदा व्यक्त की गई। इस रिपोर्ट में जानते हैं कि इस पूरे मामले की हकीकत क्या है?
अरब देशों से ताल्लुक रखने वाले कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लगातार दावा किया जा रहा है कि नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयान को लेकर अरब देशों के लोग काफी ज्यादा नाराज थे। दावा किया जा रहा है कि इसकी वजह से सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन आदि देशों में लोग भारतीय प्रोडक्ट्स का बहिष्कार कर रहे थे, क्योंकि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहयोगी द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। इसके चलते अरब देशों ने भारत की हिंदूवादी राष्ट्रीय पार्टी भाजपा के खिलाफ बायकॉट अभियान शुरू किया था। सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि इस बहिष्कार से भाजपा घबरा गई और नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल को निलंबित कर दिया। साथ ही, पार्टी की छवि धर्म निरपेक्ष होने की बात भी कही।
क्या है इस मामले की हकीकत?
नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल के निलंबन के पीछे अरब देशों के दबाव के कनेक्शन को लेकर हमने अरब देशों की कई न्यूज वेबसाइट्स खंगालीं, लेकिन वहां इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली। हालांकि, अरब देशों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बायकॉट इंडिया ट्रेंड होने का पता जरूर लगा। वहीं, ओमान के ग्रांड मुफ्ती अहमद अल-खलीली ने भी इस संबंध में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘भारत में सत्तारूढ़ चरमपंथी पार्टी की आधिकारिक प्रवक्ता ने इस्लाम के दूत के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की। हमारी ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें सद्बुद्धि दें। अब पृथ्वी पर मौजूद हर मुस्लिम, चाहे वह पूर्व से ताल्लुक रखता हो या पश्चिम से, जरूरी है कि इस मामले पर गौर फरमाए और एक देश के रूप में उठ खड़ा हो।’ इसके अलावा सऊदी अरब, फिलिस्तीन समेत अरब के तमाम देशों के बुद्धिजीवियों ने भी इस मामले को लेकर विरोध जाहिर किया।