Gyanvapi Mosque Case: रोजाना पूजा की अर्जी समेत तीन याचिकाओं पर सुनवाई आठ जुलाई तक टली

221
Share

वाराणसी
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद उसमें मुस्लिमों का प्रवेश रोकने समेत अन्य मांगों लेकर दायर याचिका की सुनवाई सोमवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई। किरण सिंह की याचिका पर फास्ट ट्रैक कोर्ट (महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत) में इस मामले को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और अन्य विपक्षी हाजिर हुए। जो वाद दाखिल है उस पर आपत्ति दाखिल करने के लिए वाद की प्रति मांगी गई। जिसे अदालत ने वादी पक्ष को उपलब्ध कराने को कहा।

अदालत ने पहले शाम चार बजे तक के लिए मामले को टाल दिया। चार बजे अदालत फिर बैठी और वाद पर आपत्ति दाखिल करने के लिए 8 जुलाई की तिथि नियत कर दी। सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दायर इस इस वाद को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने फास्ट ट्रैक कोर्ट (महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत) में ट्रांसफर किया था।

विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री गोंडा निवासी किरन सिंह व दो अन्य ने यह याचिका दाखिल की है। इसमें यूपी सरकार, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में तीन बिंदुओं पर कोर्ट से मांग की गई है, जिसमें परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने, ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपने और वादी गण को ज्ञानवापी में तत्काल प्रभाव से पूजा पाठ राग भोग दर्शन शामिल है। याचिका में शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद अवैधानिक गुंबद को हटाकर पूजा पाठ के अधिकार की बात कही गई है।

ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपने और वादी गण को ज्ञानवापी में तत्काल प्रभाव से पूजा-पाठ, राग भोग दर्शन की मांग की गई है। बीते मंगलवार को अदालत में अधिवक्ता मानबहादुर सिंह व अनुष्का त्रिपाठी की तरफ से कहा गया शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद दर्शन पूजन, राग भोग पूजा का अधिकार आवश्यक है।

विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मुकदमे के माध्यम से तीन मांग की गई है। पहली मांग यह है कि ज्ञानवापी परिसर में तत्काल प्रभाव से मुस्लिम पक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित हो। दूसरी, ज्ञानवापी का संपूर्ण परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए। तीसरी, भगवान आदि विश्वेश्वर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग जो अब सबके सामने प्रकट हो चुके हैं, उनका पूजा पाठ शुरू करने की अनुमति दी जाए।

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और अन्य विग्रहों के संरक्षण के लिए दायर वाद की पोषणीयता (सुनने योग्य है या नहीं) पर सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में लंबी बहस चली। वाद को निरस्त करने के लिए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने दो घंटे तक दलीलें दीं। दलीलों के बीच जिला जज ने सुनवाई की अगली तारीख चार जुलाई तय की है।

LEAVE A REPLY