लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को राजधानी में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉपोर्रेशन के गोदाम में गुपचुप निरीक्षण कर छापेमारी की। निरीक्षण के दौरान गोदाम में जबरदस्त अव्यवस्था मिलीं। दवाएं इधर, उधर फेंकी पड़ी थीं। अलग-अलग डिब्बों की चेकिंग में उप मुख्यमंत्री ने 16,40,33,033 रुपये मूल्य की एक्सपायर्ड दवाएं पकड़ीं। उन्होंने इस पर वहां मौजूद अधिकारियों, कर्मचारियों को जमकर फटकार भी लगाई।
उन्होंने कहा कि ये दवाएं कॉपोर्रेशन द्वारा अस्पतालों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए थीं, लेकिन नहीं भेजी गईं। करोड़ों की दवाएं गोदाम में रखे-रखे एक्सपायर हो गईं। ये घोर लापरवाही है। उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक समिति का गठन करने व गोदाम में उपलब्ध दवाइयों का आॅडिट कराने के लिए पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्राथमिक जांच रिपोर्ट तीन दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उप मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई और मौके पर बरामद सभी सबूत, रिकॉर्डिंग, कागजात जब्त किए जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रांजल यादव भी साथ में मौजूद रहे।
जमीन से लेकर अलमारियों तक में बेतरतीब रखे दवाओं के गत्ते। जगह-जगह जमा धूल। न उचित देखरेख और न कोई व्यवस्था। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को कुछ ऐसी ही स्थिति दवा गोदाम में देखने को मिली। दोपहर में गोदाम में छापा मारने के बाद वहां की बदहाली पर उप मुख्यमंत्री ने स्टाफ से पूछा कि ह्य…ये दवाई का गोदाम है या सीमेंट की दुकान, ये कहां बैठे हैं।ह्ण कबाड़ की तरह रखी दवाओं को देखकर उन्होंने पूछा कि ह्यदवा कैसे ढूंढते हो?ह्ण तो इसका स्पष्ट जवाब अधिकारी, कर्मचारी नहीं दे सके। एक गत्ते में इस्तेमाल किया हुआ मास्क दवाओं के बीच मिला तो उप मुख्यमंत्री खासे नाराज हुए। उन्होंने कहा कि ह्यआप क्या जान से खेल रहे हो।ह्ण प्लास्टिक का एप्रेन पोछने के लिए रखा मिलने पर भी उन्होंने फटकार लगाई। उन्होंने बदहाली पर कहा कि ह्यऐसे दवाएं रखते हैं, ऐसे फेंकोगे, देखो कितनी धूल है, भगवान मालिक है।ह्ण उन्होंने कहा कि ह्यये दवाई हैं तो खुली क्यों फेंकी गई हैं?ह्ण