हरियाणा के रोहतक जिले के गांव बनियानी के स्कूल में मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि हर शिक्षक बच्चों का मार्गदर्शक होता है। शिक्षकों की सीख जिंदगी में काफी महत्वपूर्ण और प्रेरणादायी होती है। मुझे भी अध्यापकों ने सीख दी, जिसकी वजह से आज आपके सामने हूं।
संवाद में सबसे पहले कक्षा 12वीं की छात्रा सपना ने पूछा कि अपने सबसे प्रिय अध्यापक के बारे में बताएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी स्कूल की प्राइमरी कक्षा में 1960 में प्रवेश हुआ था। 1965 में भाली आनंदपुर से स्कूल में दाखिला हुआ। सभी अध्यापक अच्छे थे। याद ताजा करते हुए बताया कि 1963-64 की बात होगी। एक इंस्पेक्टर स्कूल में अध्यापक के पास आया।
अध्यापक ने मुझे व दोस्त को घर से चाय लाने के लिए भेज दिया। वह दोस्त के साथ चाय व पकोड़े लेकर जा रहे थे, तभी दोस्त ठोकर खाकर गिर गया। पकोड़े गिरने पर डर की वजह से वह दोनों घर में छुपकर बैठ गए। जब काफी देर तक वह स्कूल नहीं पहुंचे तो अध्यापक ने दो बच्चों को घर भेजा, जहां पता चला कि वह चाय-नास्ते लेकर जा चुके हैं। मामले की जानकारी अध्यापक को हुई तो उन्होंने डांटने के बजाय समझाया कि ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है, छुपना नहीं चाहिए।
कक्षा 12वीं की छात्रा प्रिया ने पूछा कि आपके बचपन और वर्तमान की शिक्षा में कौन सी शिक्षा बेहतर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत बड़ा अंतर है। हम खाली समय में स्कूल में शरारत करते थे। कागज की कश्ती नजदीकी तालाब में चलाते थे। तख्ती पर लिखते थे मगर अब टैबलेट, मोबाइल, लैपटॉप व कंप्यूटर हो गए हैं।
शिक्षा के स्तर में काफी सुधार हुआ है। कक्षा 10वीं के बबलू ने पूछा कि बचपन के स्कूल आने पर कैसा महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा बचपन की याद ताजा हो गई है। मैं यहां मनोहर लाल नहीं बल्कि बचपन का मन्नो हूं। मैं अपनी कक्षा में जाना चाहता हूं, मगर कुछ लोगों ने भाली का गलत तथ्य के साथ वीडियो वायरल कर दिया।
एक याद ताजा करते हुए बताया कि 1962 की बात है, मैं कक्षा दो में था और चाचा किशोरी लाल की शादी थी। चाचा की शादी के दूसरे दिन मेरी परीक्षा थी। परीक्षा को लेकर परेशान था। बात शिक्षक को पता चली तो उन्होंने कहा शादी कर लो, बाद में परीक्षा ले लेंगे। परीक्षा हुई या नहीं हुई मुझे नहीं याद, मगर कक्षा तीन में जरूर आ गया।
इसी स्कूल में रिसर्च हुई मेरे जन्मदिन की तारीख की
मुख्यमंत्री ने कहा आज मेरा रजिस्टर्ड जन्मदिन है। जन्मदिन की तारीख की रिसर्च इसी स्कूल में हुई है। मेरी दादी या माताजी स्कूल में दाखिला कराने आई होंगी। जिस अध्यापक को दाखिले का जिम्मा होगा, उन्होंने ही पांच मई की तारीख तय की होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले गांव में छह साल से पहले बच्चे का स्कूल में दाखिला नहीं होता था। जब मैंने अपना जन्मदिन पता करने के बारे में जानकारी मांगी तब पता चला कि प्रवेश 6 मई 1960 में हुआ और जन्मदिन 5 मई 1954 लिखा है। यानी दाखिला करने वाले अध्यापक ने गणना करके जन्म की तारीख तय की। इस जन्मदिन की तारीख का श्रेय स्कूल को जाता है। मेरा जन्म निंदाना में हुआ और बचपन गांव बनियानी में गुजरा।
दिव्यांग बेटी को लेकर आई मां निराश होकर लौटी
बनियानी स्कूल परिसर में किरन नाम की महिला अपनी करीब 18 वर्षीय शत-प्रतिशत दिव्यांग बेटी को लेकर आई। महिला अपनी बेटी के साथ मुख्यमंत्री से मिलने का इंतजार करती रही, मगर बात नहीं हो सकी। जबकि नजदीक से मुख्यमंत्री गुजर गए। महिला ने मुख्यमंत्री के पास जाने का प्रयास किया, पर सुरक्षाकर्मियों ने हटा दिया। महिला ने बताया कि उसकी बेटी शत-प्रतिशत दिव्यांग हैं, मगर अभी तक पेंशन नहीं मिल रही है।
मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंची पेयजल की समस्या
कार्यक्रम स्थल पर गांव की पूनम, सुमन, रेखा समेत कई महिलाएं पेयजल समस्या को लेकर आई थीं। नजदीक से मुख्यमंत्री के गुजरते समय महिलाओं ने अपनी समस्या रखने का प्रयास किया, मगर सुरक्षाकर्मियों की वजह से उनकी आवाज मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंच सकी।
मनोहर वाटिका में रोपे 68 पौधे
मुख्यमंत्री ने बनियानी विद्यालय परिसर में बनाई मनोहर वाटिका में पौधरोपण किया। इस वाटिका में 68 पौधे लगाए गए । इस दौरान बच्चों ने हलवा खिलाकर मुख्यमंत्री का मुंह मीठा करवाया।
राष्ट्रपति समेत कई हस्तियों ने दी जन्मदिन की बधाई
मुख्यमंत्री ने बताया कि जन्मदिन के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर समेत तमाम नेताओं के शुभकामना संदेश मिले हैं।
ये लोग मौजूद रहे
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष कुमार ग्रोवर, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महाबीर सिंह, माध्यम शिक्षा के महानिदेशक जे. गणेशन, मौलिक शिक्षा के निदेशक डॉ. अंशज सिंह, उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार, पुलिस अधीक्षक उदय सिंह मीणा, एएसपी महम हमेंद्र मीणा, भाजपा के जिलाध्यक्ष अजय बंसल, एसडीएम राकेश कुमार सैनी, सहकारी चीनी मिल के प्रबंध निदेशक प्रदीप अहलावत, निगम के संयुक्त आयुक्त महेश कुमार, डिप्टी सीनियर मेयर राजकमल सहगल, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. लक्ष्मी नांदल, डीपीसी कृष्णा फोगाट, प्राचार्य सीमा मदान आदि मौजूद रहे।