झांसी : धार्मिक स्थलों के आसपास लगीं प्रसाद की दुकानों को लेना होगा लाइसेंस, भंडारे से पहले देनी होगी सूचना

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अब धार्मिक स्थलों के आसपास लगीं प्रसाद की दुकानों के संचालकों को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से लाइसेंस लेना होगा। लाइसेंस के लिए आवेदन करने के बाद फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) द्वारा नामित ऑडिट एजेंसियां जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट देंगी। उसी आधार पर लाइसेंस जारी किया जाएगा।
गुणवत्तापूर्ण प्रसाद सभी को मिले, इसके लिए शासन स्तर से पहल की गई है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एफएसएसएआई के भोग कार्यक्रम के तहत जहां भी प्रसाद बन रहा है या दुकानों से लिया जा रहा है, वहां स्वच्छता संबंधी मानक पूरे होने चाहिए। इसी वजह से धार्मिक स्थलों पर लगने वाली प्रसाद की दुकानों के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है।
बाकायदा एजेंसी द्वारा ऑडिट किए जाने के बाद लाइसेंस जारी होगा। इसके अलावा भंडारे के आयोजन के पहले भी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को सूचना देनी होगी। वहीं, जो लोग नियमित भंडारे का आयोजन करते हैं, उन्हें भी लाइसेंस लेना पड़ेगा।
12 लाख तक टर्नओवर तो 100 रुपये में मिलेगा लाइसेंस
सहायक आयुक्त खाद्य ने बताया कि जिन प्रसाद की दुकानों का सालाना टर्नओवर 12 लाख रुपये तक होगा, उन्हें महज सौ रुपये में लाइसेंस मिल जाएगा। इससे अधिक टर्नओवर होने पर दो हजार रुपये में लाइसेंस मिलेगा। वहीं, भंडारे के आयोजकों को भी सौ रुपये में लाइसेंस मिलेगा। यह साल भर के लिए मान्य होगा।
धार्मिक स्थलों पर प्रसाद की दुकानों को लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए दुकानों की सूची तैयार की जा रही है। आवेदन के बाद ऑडिट एजेंसी स्वच्छता संबंधी मानकों की जांच कर अपनी रिपोर्ट एफएसएसएआई को भेजेगी। भंडारे के आयोजन से पहले भी सूचना देनी होगी।

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